मौत का बुलावा या कुदरत का कहर? वज्रमरा गांव में साल में 500 बार गिरती है बिजली, जानिए सच्चाई
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2815888

मौत का बुलावा या कुदरत का कहर? वज्रमरा गांव में साल में 500 बार गिरती है बिजली, जानिए सच्चाई

Jharkhand News: रांची से कुछ ही किलोमीटर दूर पर नामकुम प्रखंड में बसा है एक ऐसा गांव है, जिसका नाम सुनते ही लोग सहम जाते हैं. दरअसल, इस गांव का नाम है वज्रमरा, जहां हर साल सैकड़ों बार आसमान से बिजली गिरती है और यह गांव झारखंड के सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदा वाले क्षेत्रों में शुमार है.

सदियों से हो रहे वज्रपात को लेकर पड़ा गांव का नाम वज्रमरा गांव (प्रतीकात्मक फोटो)
सदियों से हो रहे वज्रपात को लेकर पड़ा गांव का नाम वज्रमरा गांव (प्रतीकात्मक फोटो)

Ranchi News: झारखंड की राजधानी रांची से महज 50 किलोमीटर दूर, नामकुम के वज्रमरा गांव की छटा देखते ही बनती है. घने जंगल, हसीन वादियां, बादलों से बतियाते पहाड़ और कलकल बहती नदियों की धाराएं यहां का नजारा बेहद मनमोहक बना देती हैं, लेकिन यह गांव जितना खूबसूरत है, बरसात के दिनों में उतना ही खतरनाक भी हो जाता है.

नाम में ही छिपा है खतरा
दरअसल, वज्रमरा गांव का नाम ही इसके इतिहास और त्रासदी को बयां करता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, इस गांव में साल में 500 से ज्यादा बार बिजली गिरती है. यह कोई बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बात नहीं, बल्कि एक कड़वी हकीकत है. रांची के इस छोटे से गांव में शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसने वज्रपात का दर्द न झेला हो-चाहे वह फसलों का नुकसान हो, मवेशियों की मौत हो या फिर अपनों को खोने का दुख.

गांव के लोग बताते हैं कि कई दशकों पहले इस क्षेत्र में इतनी बार बिजली गिरी कि लोगों ने इसका नाम ही 'वज्रमरा' रख दिया. 'वज्रमरा' का अर्थ है 'वह जगह जहां बिजली बार-बार मार करती है'. यह क्षेत्र बिजली गिरने की घटनाओं से खास तौर पर प्रभावित है. गांव के ज्यादातर लोग खेती और पशुपालन पर निर्भर हैं, और बारिश के दौरान खेतों में काम करना या पेड़ों के नीचे शरण लेना उनके लिए जानलेवा साबित होता है.

बरसात में रहता है दहशत का साया
वज्रमरा गांव में बिजली गिरने की दहशत इतनी ज्यादा है कि बरसात के महीने में लोग पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं. पूरा महीना वे इस डर के साए में जीते हैं कि न जाने कब आसमान से आफत उनके घरों पर आ गिरे. जिन बच्चों के नानी या दादी का घर इस गांव में है, वे गर्मियों की छुट्टियां तो मनाने आते हैं, लेकिन बरसात शुरू होने से पहले ही अपने घरों को लौट जाते हैं.

यह भी पढ़ें:क्या आप जानते हैं कोमल सिंह के बारे में ये बातें? देखें तस्वीरें

वज्रपात के वैज्ञानिक और भौगोलिक कारण
वज्रमरा में वज्रपात की इतनी अधिक घटनाओं के पीछे कई वैज्ञानिक और भौगोलिक कारण हो सकते हैं. जानकारों का मानना है कि वज्रमरा और आसपास का इलाका पहाड़ी और जंगली है. ऊंचे पेड़ और पहाड़ियां बिजली को अपनी ओर खींचते हैं, क्योंकि बिजली हमेशा ऊंचे और नुकीले स्थानों पर ही गिरती है. इसके साथ ही, झारखंड में बंगाल की खाड़ी से आने वाले मानसूनी बादल भारी मेघगर्जन के साथ आते हैं, जिससे वज्रपात की संभावना और भी बढ़ जाती है.

रिपोर्ट: कामरान जलीली

यह भी पढ़ें:बाथरूम गए और बेहोश हो गए! बीजेपी नेता सोहन प्रसाद 'काकू जी' की मौत

झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें  Jharkhand News in Hindi और पाएं Jharkhand latest news in hindi  हर पल की जानकारी. झारखंड की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news

false
;