Rapid Rail: ट्रायल रन भी पूरा, दिल्ली से मेरठ तक दौड़ेगी रैपिड रेल, जानें पूरी जानकारी
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Rapid Rail: ट्रायल रन भी पूरा, दिल्ली से मेरठ तक दौड़ेगी रैपिड रेल, जानें पूरी जानकारी

 मेरठ (दक्षिण) से शताब्दी नगर तक के हिस्से के लिए सुरक्षा मंजूरी मिल गई है. शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक के बचे हुए हिस्से की जांच शुरू हो गई. वहीं दिल्ली में न्यू अशोक नगर से सराय काले खान तक की सुरक्षा जांच भी अंतिम चरण में है. 

Rapid Rail: ट्रायल रन भी पूरा, दिल्ली से मेरठ तक दौड़ेगी रैपिड रेल, जानें पूरी जानकारी

Delhi Meerut RRTS News: रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन प्रणाली का निर्माण कर रहा है, जो दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ने का कार्य करेगा. इस परियोजना से यातायात की समस्या को कम करने और यात्रा के समय को घटाने की उम्मीद है.

जिन हिस्सों पर अभी ट्रेनें नहीं चल रही हैं, वहां सुरक्षा जांच का कार्य चल रहा है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने यह जानकारी दी है कि सुरक्षा जांच के बाद ही यात्रियों के लिए रैपिड रेल सेवा शुरू की जाएगी. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी मानकों के अनुसार सुरक्षा उपाय लागू हों. NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पुनीत वत्स ने बताया कि हाल ही में पूरे 82 किलोमीटर के कॉरिडोर पर एक सफल ट्रायल रन किया गया. ट्रेनों ने सराय काले खां (दिल्ली) से मोदीपुरम (मेरठ में आखिरी स्टेशन) तक यात्रा की, जो एक घंटे से भी कम समय में पूरी हुई. 

इस 82 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को नमो भारत ट्रेनों से जोड़ना है. एक बार यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाने पर मेरठ से दिल्ली तक का सफर सिर्फ 55 मिनट में तय किया जा सकेगा. यह समय यात्रा की सुविधा को काफी बढ़ाएगा. वर्तमान में, ट्रेन सेवाएं 55 किलोमीटर के हिस्से पर चालू हैं, जो दिल्ली में न्यू अशोक नगर से मेरठ (दक्षिण) तक जाती हैं. इस रूट पर कुल 11 स्टेशन हैं, जिनमें से दो दिल्ली में, आठ गाजियाबाद में और एक मेरठ में है. 

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पूरे प्रोजेक्ट में कुल 24 स्टेशन होंगे, जिनमें से 13 मेरठ में हैं. नमो भारत ट्रेनों के मेरठ में चार स्टेशन होंगे, जबकि स्थानीय मेट्रो इसी इंफ्रास्ट्रक्चर पर सभी 13 स्टेशनों पर चलेगी. यह एक व्यापक प्रणाली का निर्माण करेगा जो क्षेत्र में परिवहन को और अधिक सुलभ बनाएगा. अधिकारियों ने बताया कि जिन हिस्सों पर अभी ट्रेनें नहीं चल रही हैं, वहां सुरक्षा जांच चल रही है और इसके बाद एक औपचारिक उद्घाटन होगा. मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (CMRS) द्वारा सुरक्षा जांच और अंतिम मंजूरी मिलना आवश्यक है. 

आपको बता दें कि मेरठ (दक्षिण) से शताब्दी नगर तक के हिस्से के लिए सुरक्षा मंजूरी मिल गई है. शताब्दी नगर से मोदीपुरम तक के बचे हुए हिस्से की जांच शुरू हो गई. वहीं दिल्ली में न्यू अशोक नगर से सराय काले खान तक की सुरक्षा जांच भी अंतिम चरण में है. इसके साथ ही मेरठ में स्थानीय मेट्रो मॉड्यूल के स्टेशनों की जांच भी जल्द ही होने वाली है. पूरे RRTS प्रोजेक्ट को बनाने में 30,274 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को गाजियाबाद में इसकी नींव रखी थी. यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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