International Women Day 2025: राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक और बदलाव की सूत्रधार बनी शीला दीक्षित
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International Women Day 2025: राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक और बदलाव की सूत्रधार बनी शीला दीक्षित

Womens Day Wishes 2025: शीला दीक्षित का नेतृत्व विकास और जनसेवा पर केंद्रित था. उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई अहम कदम उठाए. उनके कार्यकाल में लाडली योजना शुरू हुई, जिससे बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा मिला और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया.

 

International Women Day 2025: राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक और बदलाव की सूत्रधार बनी शीला दीक्षित
International Women Day 2025: राजनीति में महिला सशक्तिकरण की प्रतीक और बदलाव की सूत्रधार बनी शीला दीक्षित

International Women’s Day 2025: महिला सशक्तिकरण की जब भी बात होती है, तब राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा जरूर होती है. ऐसी ही एक सशक्त महिला थीं शिला दीक्षित, जिन्होंने अपने नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से दिल्ली को एक नई पहचान दिलाई. वह दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री जिन्होंने लगातार 15 साल (1998-2013) तक इस पद पर रहीं, जो अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है.

शीला दीक्षितका जन्म 31 मार्च 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था. उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से की और राजनीति में कदम रखा. शुरू में वे उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहीं, लेकिन बाद में उन्हें दिल्ली की बागडोर सौंपी गई. जब 1998 में उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला, तब राजधानी कई बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं से जूझ रही थी, लेकिन उनकी दूरदृष्टि और मजबूत नेतृत्व के चलते दिल्ली में बड़े बदलाव हुए. उनके कार्यकाल में सड़कें, फ्लाईओवर, दिल्ली मेट्रो, स्वास्थ्य सुविधाएं और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ.

शीला दीक्षितका नेतृत्व हमेशा विकास और जनसेवा पर केंद्रित रहा. उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. उनके समय में लाडली योजना जैसी पहल शुरू हुई, जिससे बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा मिला. इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण सुधार और हरित ऊर्जा पर भी ध्यान दिया, जिससे दिल्ली को अधिक स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके. 

2013 में जब उनकी सरकार सत्ता से बाहर हुई, तब भी उनकी लोकप्रियता बनी रही. वे राजनीति में महिला नेतृत्व का एक मजबूत उदाहरण थीं. उनका योगदान सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पूरे देश में यह संदेश दिया कि महिलाएं भी मजबूत नेतृत्व कर सकती हैं. महिला दिवस के अवसर पर शीला दीक्षितजैसी महान महिलाओं को याद करना जरूरी है, जिन्होंने समाज और देश को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. उनकी कहानी हर उस लड़की और महिला को प्रेरित करती है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं और समाज में एक सशक्त पहचान बनाना चाहती हैं.

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