MP के सबसे बड़े हाई प्रोफाईल डिजिटल फ्रॉड मामले में 10 आरोपी गिरफ्तार, लखनऊ से जुड़े थे तार
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MP के सबसे बड़े हाई प्रोफाईल डिजिटल फ्रॉड मामले में 10 आरोपी गिरफ्तार, लखनऊ से जुड़े थे तार

Madhya Pradesh Cyber Fraud: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े डिजिटल फ्रॉड के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है, लखनऊ और आसपास के जिलों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

 

MP के सबसे बड़े हाई-प्रोफाईल डिजिटल फ्रॉड
MP के सबसे बड़े हाई-प्रोफाईल डिजिटल फ्रॉड

High-Profile Fraud in MP: मध्य प्रदेश में हुए एक बड़े डिजिटल फ्रॉड (साइबर ठगी) के मामले में ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने शानदार सफलता हासिल की है. ग्वालियर के रामकृष्ण आश्रम के बैंक अकाउंट से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने लखनऊ और आसपास के जिलों से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी सभी युवा लड़के हैं, जो योजनाबद्ध तरीके से फर्जी बैंक अकाउंट खोलकर ठगी कर रहे थे. इन आरोपियों ने साइबर ठगी के लिए कई फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.

जांच में यह भी सामने आया है कि उज्जैन स्थित बंधन बैंक के एक मैनेजर और महिला कैशियर सहित नागदा से 6 अन्य लोग भी इस ठगी में शामिल थे. उनसे पूछताछ में एक कंपनी का नाम भी सामने आया है, जिसका नाम रुद्र इंटरप्राइजेज है और यह कंपनी लखनऊ के इंडसइंड बैंक में अपना खाता चला रही थी. इसी खाते से 30 लाख रुपये की फ्रॉड राशि ट्रांसफर की गई थी.

मामला बहुत बड़ा था
आरोपियों ने फर्जी आईडी और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए फर्जी बैंक अकाउंट्स खोलने के बाद पूरे रैकेट को चलाया. यह मामला इतना बड़ा था कि इसे डिजिटल फ्रॉड की श्रेणी में रखा गया. इस पूरी ठगी में कई अकाउंट्स का दुरुपयोग किया गया और जांच एजेंसियों को यह लगता है कि यह एक अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का हिस्सा हो सकता है.

कई नाम आएंगे सामने
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं. पुलिस ने आरोपियों के चैट और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा, पुलिस को शक है कि इस पूरे मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनके नाम जल्द ही सामने आ सकते हैं.

करोड़ों रुपए की ठगी
इस मामले में ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन संस्था के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस का हवाला देकर 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया था और उन्हें 2 करोड़ 52 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया. ठगी में एक करोड़ 30 लाख रुपये इलाहाबाद स्थित इंडसइंड बैंक में एक कंपनी के खाते में ट्रांसफर हुए थे, जबकि 10 लाख रुपये उज्जैन के बंधन बैंक में भेजे गए थे.

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