Indore Ring Road Project: इंदौर जिले के ग्रामीण इलाकों में जल्द ही तस्वीर बदलने वाली है. गांवों की जमीन पर बनेगा ऐसा रिंग रोड, जो न सिर्फ इंदौर का नक्शा बदलेगा बल्कि किसानों की जेब भी भर देगा. सरकार ने मुआवजे के तौर पर 750 करोड़ रुपए से ज्यादा देने की तैयारी कर ली है, लेकिन यह रकम सीधे किसानों के खाते में दी जाएगी. आइए जानते हैं, रोड कहां-कहां से होकर गुजरेगा और किन किसानों को फायदा मिलेगा.
इंदौर जिले में बनने जा रहे पश्चिमी आउटर रिंग रोड के लिए सरकार ने 600 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है. इसके बदले किसानों को 750 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा दिया जाएगा. यह मुआवजा सीधे किसानों के बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा.
देपालपुर, हातोद और सांवेर तहसीलों के एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों के मुआवजे से जुड़े आदेश सोमवार को कलेक्टर आशीष सिंह को सौंपेंगे. इसके बाद ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
मुआवजे से पहले प्रशासन यह जांच करेगा कि जिस जमीन के लिए भुगतान होना है, उसकी हाल ही में कोई खरीदी-बिक्री तो नहीं हुई है. इसके लिए जमीन मालिकों और मुआवजे की एक सूची भी जारी की जाएगी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो.
पश्चिमी आउटर रिंग रोड का काम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अगले दो महीनों में शुरू करेगा. जमीन का सर्वे कुछ समय पहले ही पूरा कर लिया गया है और प्रशासन तेजी से प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है.
यह रिंग रोड करीब 64 किलोमीटर लंबा और 80 मीटर चौड़ा होगा. इस प्रोजेक्ट में इंदौर जिले के कुल 26 गांव शामिल हैं, जहां से यह सड़क निकलेगी. यह इलाका भविष्य में नए शहर के रूप में विकसित हो सकता है, जैसा कि राऊ-देवास बायपास के बाद देखने को मिला.
पश्चिमी आउटर रिंग रोड देपालपुर की किशनपुरा, बेटमा खुर्द जैसे गांवों से होते हुए हातोद और सांवेर तहसील के कई गांवों को जोड़ते हुए निकलेगा. इनमें बड़ोदिया पंथ, सिकंदरी, बरलाई जागीर और पीर कराड़िया जैसे गांव शामिल हैं. आने वाले वक्त में यह क्षेत्र विकास का बड़ा केंद्र बन सकता है. (सोर्सः पत्रिका)
ट्रेन्डिंग फोटोज़