Indore Chor Bawdi Mystery: मध्य प्रदेश में वैसे तो कई ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनकी खूबसूरती देख घूमने का मन करने लगता है. ये जगहें जितना खूबसूरत दिखती हैं, उतना ही रहस्यमई भी हैं. ऐसी एक जगह इंदौर शहर के कनाड़िया रोड पर स्थित है. जिसका रहस्य जानकर आप भी चौंक सकते हैं. तो आइए इसके इतिहास और रहस्य के बारे में विस्तार से जानते हैं.
इस जगह का नाम चोर बावड़ी है, जिसका निर्माण 18वीं सदी में हुआ था. यह चोर बावड़ी, इंदौर के कनाड़िया रोड पर स्थित है. यह न सिर्फ जल संरक्षण की मिसाल है, बल्कि इसके पीछे की कहानी बहुत दिलचस्प मानी जाती है, चोरों से जुड़ी बताई जाती है.
ऐतिहासिक धरोहरों में एक मानी जाने वाली चोर बावड़ी आज भी उतनी फेमस है, जितनी पहले थी. इसका नाम सुनते ही दिमाग में कई तरह के सवाल उठते हैं, कि यहां पर चोर सच में छुपा करते थे. इस बावड़ी के पीछे का कोई और बड़ा रहस्य है.
आपको बता दें कि यह चोर बावड़ी कोई आम बावड़ी नही है. ये एक स्टेपवेल है, इसे सिर्फ पत्थरों से ही तराशा गया है. इसकी खूबसूरती देखने के लिए लोग बड़े ही दूर-दूर से आते हैं. यह बावड़ी एक पानी संरक्षण करने का जरिया भी माना जाता है.
इतिहासकारों के मुताबिक, चोर बावड़ी को महारानी अहिल्याबाई होल्कर के आदेश पर 18वीं सदी में बनवाया गया था. बताया जाता है कि उस समय यह बावड़ी स्थानीय लोगों के लिए पानी का मुख्य स्रोत मानी जाती थी. सबसे खास बात यह है कि चोर बावड़ी बरसात का पानी को संजोय कर रखती है.
लोककथाओं के मुताबिक, यह बावड़ी पुराने समय में चोर, चोरी के सामान को इसी बावड़ी में छुपाया करते थे. कहा जाता है कि इसकी गहराई और संरचना ऐसी थी, कि इसमें कोई भी अंदर छुपा रहे, किसी को कानों कान खबर नहीं लगती थी.
अब एक बार फिर से यह चोर बावड़ी चर्चा में आ गई है. इसे हाल ही में रेनोवेट किया गया है, जिससे इसकी ऐतिहासिक खूबसूरती और उपयोगिता को संरक्षित किया जा सके. अब यह चोर बावड़ी स्थानीय लोगों के साथ-साथ टूरिस्टों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनती जा रही है.
इन दिनों यह चोर बावड़ी की पहचान एक ऐतिहासिक, टूरिस्ट स्पॉट बनने की राह पर है. हालांकि इसकी देखरेख और संरक्षण की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन इंदौर नगर निगम और पुरातत्व विभाग समय-समय पर इसे सहेजने की कोशिश कर रहे हैं. सबसे ज्यादा युवाओं को ज्यादा आकर्षण कर रही है.
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