OBC को 27 प्रतिशत रिजर्वेशन पर आज MP हाईकोर्ट में सुनवाई, छत्तीसगढ़ वाले फॉर्मूले की मांग
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OBC को 27 प्रतिशत रिजर्वेशन पर आज MP हाईकोर्ट में सुनवाई, छत्तीसगढ़ वाले फॉर्मूले की मांग

मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। आज मंगलवार को इस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ता की तरफ से ये मांग की गई थी कि प्रतियोगी परीक्षाओं में 13 प्रतिशत पद जो होल्ड पर रखे गए हैं, उन्हें खोला जाए.

OBC को 27 प्रतिशत रिजर्वेशन पर आज MP हाईकोर्ट में सुनवाई, छत्तीसगढ़ वाले फॉर्मूले की मांग

Madhya Pradesh High Court: मध्यप्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का मामला लंबे समय से अटका हुआ है। आज मंगलवार को इस पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ता की तरफ से ये मांग की गई थी कि प्रतियोगी परीक्षाओं में 13 प्रतिशत पद जो होल्ड पर रखे गए हैं, उन्हें खोला जाए. इसी तरह का फॉर्मूला छत्तीसगढ़ में भी अपनाया गया है. वही मांग मध्य प्रदेश के लिए की जा रही है. इसपर सीएम मोहन यादव भी कह चुके हैं कि 27 प्रतिशत आरक्षण राज्य में जल्द लागू किया जाएगा. आज इसपर सुनवाई होनी है. बता दें 4 मई 2022 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सुनवाई की थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में ओबीसी आरक्षण की सीमा 14% तय की थी. इसके बाद से मामला कोर्ट में ही है. 5 अगस्त को सुनवाई में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चांडुरकर की खंडपीठ में हुई थी. 4 मिनट की सुनवाई के बाद अगली तारीख 12 अगस्त दी गई थी. 

Update- पिटीशन पर अब सुप्रीम कोर्ट रोज सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के तर्क मानते हुए ये आदेश दिए. मध्यप्रदेश में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के मामले में अब रोज सुनाई होगी और जल्द ही फैसला आएगा. मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2019 - ओबीसी आरक्षण की संवैधानिक वैधता को लेकर मध्य प्रेदश की बीजेपी सरकार ने अपने तर्क दिए. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो राज्य सरकार की बात को सही मानती है. अब इस मामले में अंतिम सुनवाई के लिए कोर्ट सहमत हो गई है. 23 सितंबर 2025 को 'टॉप ऑफ़ द बोर्ड' श्रेणी में रखा गया है मामला. अब अंतिम निर्णय तक इस मामले की रोज सुनवाई होगी.  

ज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम. नटराज और महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने दलील रखी. इसके बाद उच्च न्यायालय ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर स्थगन के कारण नई भर्तियो में आ रही दिक्कत गंभीर मामला है और इसपर जल्द सुनवाई की जाना चाहिए. हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सीएम मोहन यादव ने 27% आरक्षण के मामले पर कांग्रेस के दोहरे चरित्र की बात कही थी. सरकार का कहना था कि कांग्रेस ने जानकारी के बिना, कमजोर तथ्यों के साथ अपनी बात रखी है. कांग्रेस जनता को बिना सत्य गुमराह कर रही है, झूठ बोल रही है.

अपडेट जारी है..... 

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