Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2859782
photoDetails1mpcg

International Tiger Day: तो इसलिए टाइगर स्टेट है मध्य प्रदेश, आकड़ों में पूरी दुनिया को देता है मात

MP Tiger Reserve: आज 29 जुलाई के दिन पूरी दुनिया International Tiger Day मना रही है. ये दिन मध्य प्रदेश के लिए भी बहुत खास है. क्यों? मध्य प्रदेश भारत का इकलौता राज्य है जहां टाइगर की संख्या बहुत ज्यादे है, और इसी कारण इसे टाइगर स्टेट भी कहा जाता है.  इतना ही नहीं कुल 9 टाइगर रिजर्व के साथ मध्य प्रदेश में पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे अधिक बाघ, एमपी के टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व हो या फिर कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, यहां बाघों के लिए अनुकूल वर्यावरण से लेकर वो हर सुविधा मौजूद है जिसे आने वाले समय के लिए बाघों को विलुप्त होने से बचाया जा सके. शायद कुछ इसी सोच के साथ एमपी के पशु चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल भी सालों से अब तक सैकड़ों बाघों का उपचार करते आएं हैं.

विश्व बाघ दिवस 2025

1/7
विश्व बाघ दिवस 2025

आज विश्व बाघ दिवस है. भारत का इकलौता राज्य है एमपी जिसे टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है.  एमपी में मौजूद 9 टाइगर रिजर्व ही इस राज्य को टाइगर स्टेट बनाता है . यहां बाघों की अलग-अलग प्रजातियां भी देखने को मिलती है जिसकी ये पता चलता है कि बाघों के संरक्षण  में मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व का कितना बड़ा योगदान है. 

मध्य प्रदेश के 9 टाइगर रिजर्व के नाम क्या है

2/7
मध्य प्रदेश के 9 टाइगर रिजर्व के नाम क्या है

मध्य प्रदेश के 9 टाइगर रिजर्व,  कान्हा टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व, संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, रातापानी टाइगर रिजर्व, माधव टाइगर रिजर्व. जानकर हैरानी होगी कि पेंच टाइगर रिजर्व पर ही फेमस बुक 'द जंगल बुक' लिखी गई है. 

क्या कहते हैं आंकड़े

3/7
क्या कहते हैं आंकड़े

इंटरनेट पर मौजूद डेटा के हिसाब से, आंकड़े बताते है कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अगर कही सबसे ज्यादा बाघ पाए जाते हैं तो वो जगह है मध्य प्रदेश. मध्य प्रदेश में बाघो की कुल संख्या 785 है, जो रशिया, थाईलैंड, मलेशिया से कई गुना ज्यादा है.

 

मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व क्यों है खास

4/7
मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व क्यों है खास

मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व को अगर गौर से जानना है तो एमपी के पशु चिकित्सक डॉ संदीप अग्रवाल से बेहतर शायद ही कोई बता सकता है. डॉ संदीप अब तक सैकड़ों बाघों का उपचार कर चुके हैं. करीब 25 साल से वे अपनी सेवाएं कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघों के अपचार और उनको जीवनदान देने में लगाया है. 

 

कान्हा टाइगर रिजर्व के बारे में जानकारी

5/7
कान्हा टाइगर रिजर्व के बारे में जानकारी

कान्हा टाइगर रिजर्व के बारे में डॉ संदीप बताते है कि कान्हा में न केवल बड़ी संख्या में बाघ है बल्कि ये जगह बाघो की शरणस्थली होने के साथ रिवाईलडिंग सेंटर भी है. यहां बाघों के होने से प्रकृति और पर्यवरण सुरक्षित है. पर्यवरण बचाने और ग्लोबल वार्मिंग रोकने में बाघों का महत्वपूर्ण स्थान है. इसलिए आने वाले समय के लिए बाघ संरक्षण जरूरी है.

मोहन सरकार किस तरह से बाघों के संरक्षण में काम कर रही है

6/7
मोहन सरकार किस तरह से बाघों के संरक्षण में काम कर रही है

वहीं सीएम मोहन सरकार भी प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास करते नजर आते हैं. प्रदेश में बाघों  की संख्या को बढ़ाने के लिए टाइगर रिजर्व में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जंगल से लगे गांवो को कहीं और विस्थापित कर के रिजर्व के आस पास जगहों को बायोलॉजिकल प्रेशर से मुक्त कराया गया है.

एमपी टाइगर रिजर्व विदेशी पर्यटकों में फेमस

7/7
एमपी टाइगर रिजर्व विदेशी पर्यटकों में फेमस

वहीं इन टाइगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति भी बहुत अधिक रही है.  2024-25 के दौरान 10 हजार से लेकर 30 हजार तक के विदेशी टूरिस्ट ने मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व की सैर की है. इन आंकड़ों से साबित होता है कि मध्य प्रदेश टाइगर रिजर्व के मामले में पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त किए हुए है. आने वाले सालों में ये प्रसिद्धी और दोगुनी होगी.

;