Mineral Reserves in Madhya Pradesh-मध्यप्रदेश में दुर्लभ खनिजों के भंडार खोजने के लिए सरकार 82 नए क्षेत्रों में खोजबीन शुरू करेगी. इनमें क्रिटिकल मिनरल, पेट्रोकेमिकल के ब्लॉक भी हैं. इसके पहले भी 73 ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए दिए थे, जहां खोजबीन जारी है. क्रिटिकल मिनरल मिलने से विदेश पर निर्भरता कम होगी. खोजबीन के लिए केंद्र सरकार 100 फीसदी आर्थिक सहायता देगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्यप्रदेश में कौन-कौन से खनिज के भंडार हैं और किन जिलों में हैं. अगर नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं.
मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट, झाबुआ, ग्वालियर, जबलपुर, विदिशा, उज्जैन शाजापुर और धार जिलों में लौह अयस्क के भंडार हैं. मध्य प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता वाला लौह अयस्क है, जिसमें 67% लोहा होता है.
मध्य प्रदेश में कोयला जमा क्षेत्र सीधी, शहडोल, उमरिया, बैतूल, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर जिले हैं।. पूरे देश में कोयले के उत्पादन के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है (आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार). यहां मुख्यत बिटुमिनस प्रकार का कोयला पाया जाता है. बता दें कि सिंगरौली में भारत की सबसे मोटी कोयले की परत पाई जाती है.
मध्य प्रदेश को देश में एकमात्र हीरा उत्पादक राज्य होने का अनूठा गौरव प्राप्त है. पन्ना के हीरा पूरी दुनिया में फेमस है. हीरा का किम्बरलाइट पाइप मझगवां (पन्ना) से सतना तक फैला हुआ है. वहीं मुख्य हीरा उत्पादक क्षेत्र पन्ना, सतना और जबलपुर हैं.
मध्य प्रदेश में कुल 57.71 मिलियन टन मैंगनीज रिजर्व है, जो भारत के कुल रिजर्व का 12% है. मध्य प्रदेश देश में मैंगनीज के कुल उत्पादन का 40% योगदान देता है जो इसे भारत में मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक बनाता है. यह बालाघाट, छिंदवाड़ा, निमाड़, मंडला और झाबुआ से निकलता है. बता दें कि बालाघाट में भरवेली खदान एशिया की सबसे बड़ी मैंगनीज खदान है.
आंध्र प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर देश में चूना उत्पादक राज्य है. यहां चूना पत्थर ग्वालियर, नरसिंहपुर, सीधी, सतना, रीवा, दमोह, कटनी, सागर, पन्ना, मुरैना और नीमच जिलों में पाया जाता है. कटनी को चूना पत्थर का शहर कहा जाता है.
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में ग्रेफाइट पाया जाता है. ग्रेफाइट का उपयोग मुख्य रूप से पेंसिल, पेंट और बैटरी बनाने में किया जाता है. यूरेनियम के भंडार शाहडोल जिले और बैतूल जिले के घोड़ा डोंगरी गांव में स्थित हैं. इनके अलावा भी मध्यप्रदेश में कई तरह के खनिज मिलते हैं.
वहीं इन जिलों में होगी खोजबीन बैतूल, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर, झाबुआ, डिंडोरी, मंडला, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, दमोह, पन्ना आदि जिलों में ब्लॉक तय किए गए हैं. इन जिलों में पहले से कुछ ब्लॉक में खोजबीन का काम चल रहा है. यहां नए ब्लॉक्स में भी जल्द काम शुरू हो जाएगा. इन जगहों पर नए खनिज स्त्रोत खोजे जाएंगे.
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