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Indore ki Ger: इंदौरी गेर में 25000 किलो गुलाल के साथ जुटे 'रंगबाज'! देखिए रंगपंचमी की खूबसूरत तस्वीरें

Indore Rang Panchmi Photos: मध्य प्रदेश के इंदौर में मनाई जाने वाली रंग पंचमी की धूम शुरू हो चुकी है. होली के पांच दिन बाद आने वाली पंचमी को मनाने के परंपरा सालों पुरानी है. हल साल की तरह इस बार भी इंदौर में खास माहौल है. 25 हजार किलो गुलाल के साथ 3 किलोमीटर लंबी गेर देखने लायक है. गेर में खुद सीएम भी शामिल होने आ रहे हैं. देखिए कुछ पुरानी और कुछ ताजा तस्वीरें 

होली 2025

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होली 2025

होली कब है, कब है होली.... जहां 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली खेली जानी है. वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की होली 13 मार्च से शुरू होकर रंग पंचमी तक चलेगी. इंदौर की इस होली को 'गेर' कहा जाता है जो पूरे देशभर में मशहूर है. एमपी में गेर खेलने की परंपरा सालों पुरानी है जहां पूरा शहर एक साथ रंग उड़ाते और खेलते नजर आता है. पूरा शहर सड़कों पर होता है.

 

रंग पंचमी

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रंग पंचमी

19 मार्च रंग पंचमी के दिन गेर की खूब धूम देखने को मिलेगी. बच्चे, बड़े हो या महिला सबके जुबान पर एक ही बात रहती है कि 'बुरा ना मानो होली है!' लेकिन सदियों से चली आ रही इस परंपार के बारे में क्या आप जानते है? जिस गेर को आप बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं उसका इतिहास काफी दिलचस्प माना जाता है. 

 

गेर का मतलब

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गेर का मतलब

गेर खेलने का मतलब होता है कि पराए या गैर को रंग लगाकर अपना बना लेना. यानी शहर के हर एक आदमी को रंगों से रंग कर अपनत्व दिखाते हुए दोस्ती का हाथ बढ़ाना. 

 

इंदौर का गेर

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इंदौर का गेर

गेर का इतिहास इंदौर से निकलकर आज देशभर में मशहूर है. बताया जाता है कि कई साल पहले रंग पंचमी वाले दिन इंदौर के टोरी कार्नर में रंग से भरा कढ़ाव भरकर सड़क पर ही रख दिया जाता था, इसके बाद जो भी यहां से गुजरता है उसे स्थानीय होली खेलने वाले घेरकर रंग से भरे कढ़ाव में डाल देते थे. इस दौरान होली खेलते-खेलते लोग टोरी कार्नर से एकत्र होकर एक दूसरे पर रंग डालते हुए राजवाड़ा तक जाया करते थे.

 

इंदौर की रंगपंचमी

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इंदौर की रंगपंचमी

आज भी रंगपंचमी के दिन गुलाल और फाग की मस्ती में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में लोग शहर के राजवाड़ा पहुंचते हैं. इनमें बच्चों और महिलाओं की भी भीड़ देखने को मिलती है.  सुबह 11 बजे से ही शहर के अलग-अलग इलाकों में फाग यात्रा निकलनी शुरू हो जाती है जिसमें लोग पानी का टेंकर, गुलाल अबीर लिए आसमान में उड़ाते हुए दिखाई देते हैं. इस बार भी 19 मार्च को इंदौर में  कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा. 

 

गेर का असली आनंद

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गेर का असली आनंद

गेर निकालने की परंपरा एमपी के इंदौर, सागर, ग्वालियर, सतना, भोपाल, रीवा, उज्जैन में काफी देखने को मिलती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि गेर का मजा तभी पूरा होता है जब आप निकली यात्रा में डीजे और ढोल के नगाड़ो पर नाचते हुए आसमान में रंग उड़ाते हुए चलते हैं.

 

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