MP News: सागर के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल पर धर्म को बांटने का गंभीर आरोप लगा है. ये आरोप हिंदू संगठन द्वारा लगाया गया है. आरोप है कि स्कूल ने अपने निजी फॉर्म में सिंधी समाज को हिंदू धर्म से अलग धर्म बताया है.
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Sagar St Joseph School Case: सागर के प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल से धर्म वर्गीकरण का विवादित मामला सामने आया है. मामला अब तूल पकड़ते दिखाई दे रहा है. यहां हिंदू संगठनों ने कॉन्वेंट स्कूल पर धर्म वर्गीकरण करने का गंभीर आरोप लगाया है. संगठन का आरोप है कि स्कूल ने अपने निजी फॉर्म में "हिंदू", "मुस्लिम", "ईसाई", "जैन" के साथ-साथ "सिंधी" को भी एक अलग धर्म के रूप में दर्शाया है. वहीं ये मामला अब शिक्षा विभाग तक पहुंच गया है.
हिंदू धर्म को बांटने की कोशिश
संगठन के लोगों का कहना है कि स्कूल द्वारा हिंदू धर्म को बांटने की कोशिश की जा रही है. स्कूल के निजी फॉर्म में साफ देखा जा सकता है कि कैसे हर धर्मों का वर्गीकरण किया गया है. जैन के साथ-साथ सिंधी को भी अलग धर्म दर्शाया गया है. स्कूल द्वारा हिंदू समाज में फूट डालने की कोशिश सरासर गलत है जिसकी वजह से संगठन विरोध प्रदर्शन कर रही है. सिंधी समाज हिंदू धर्म का ही हिस्सा है इसे अलग धर्म करार देना धर्म विरोधी कदम है.
स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग पर थोपा मामला
वहीं, तूल पकड़ता ये मामला जब स्कूल प्रबंधन के पास पहुंचा तो स्कूल की तरफ से इस मामले को शिक्षा विभाग की तरफ मोड़ दिया गया. प्रबंधन का कहना है कि, ये फॉर्म स्कूल को शिक्षा विभाग द्वारा प्राप्त हुआ है और इसमें स्कूल ने किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया है. इस बात को लेकर विरोध कर रहें संगठन और स्कूल प्रबंधन के बीच तीखी बहस छिड़ गई. प्रदर्शनकारियों ने स्कूल से इस फॉर्म को तुरंत सुधराने की मांग की है. वहीं स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है.
शिक्षा विभाग ने आरोपों को किया खारिज
शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक, मृत्युंजय कुमार ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि, शिक्षा विभाग की ओर से जारी किसी भी फॉर्म में इस तरह का धर्म वर्गीकरण नहीं किया गया है. ये फॉर्म सेंट सेंट जोसेफ स्कूल का निजी फॉर्म है. हमारी तरफ से ऐसा कोई फॉर्म जारी नहीं किया गया है. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. स्कूल पर जांच बैठाई गई है, जांच के बाद स्कूल प्रबंधन पर उचित कार्यवाही की जाएगी.
स्कूल ने मांगी माफी
करीब 3 दिन बाद, स्कूल प्रबंधन ने अपनी गलती को स्वीकारते हुए एक प्रतिनिधि मंडल को सिंधी धर्मशाला भेजा और सिंधी समाज से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी. इस दौरान विद्यालय प्रबंधन की ओर से कहा गया कि, "गलती हमसे हुई है जिस पर हम माफी मांगते हैं और आगे से ऐसी कोई गलती नहीं होगी." वहीं सिंधी समाज ने भी स्कूल प्रबंधन को उनकी गलती के लिए माफ किया और कहा कि उन्हें आशा है कि आगे इस तरह की गलती स्कूल प्रबंधन की ओर से फिर नहीं देखी जाएगी.
रिपोर्ट: पीयूष साहू, Z मीडिया, सागर