MP GK: मध्य प्रदेश का मंदसौर जिला मालवा का अहम केंद्र माना जाता है. मंदसौर जिला और शहर अपनी कई खासियतों का चलते फेमस है. मंदसौर ऐतिहासिक होने के साथ-साथ धार्मिक नजरिए से भी बेहद अहम है, जबकि यह जिला एमपी के खेती किसानी वाले प्रमुख जिलों में भी शामिल हैं. मंदसौर का इलाका अपनी खासियतों के चलते एक अलग पहचान रखता है. मंदसौर जिले की ऐसी ही कुछ खास बातें जानना जरूरी हैं.
नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर पूरी दुनिया में फेमस है, लेकिन मंदसौर में शिवना नदी के किनारे बना पशुपतिनाथ मंदिर भी अहम माना जाता है, इसे नेपाल के काठमांडू स्थित मंदिर के समानांतर ही माना जाता है, जहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है, बारिश के मौसम में शिवना नदी खुद ही शिवजी की प्राकृतिक जलाभिषेक करती है. यहां भगवान शिव की अष्टमुखी प्रतिमा स्थापित है. यह मंदिर मंदसौर जिले की बड़ी पहचान है.
मंदसौर जिले को अफीम की राजधानी और काले सोने का गढ़ भी कहा जाता है, क्योंकि मंदसौर जिला भारत में अफीम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है. यहां के किसान परमिट लेकर अफीम का उत्पादन करते हैं. अफीम की खेती की वजह से मंदसौर जिला न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में भी इसका महत्व है.
मंदसौर जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भी भरापूरा है, जिले में आने वाले कांवला गांव एमपी का मिनी गोवा कहलाता है. इसके अलावा यहां हिंगलाजगढ़ किला, तेलिया तालाब और धर्मराजेश्वर गुफाएं जैसे प्रमुख स्थल हैं, जहां सालभर पर्यटकों की भीड़ लगती है.
गांधी सागर डैम और अभ्यारण की वजह से भी मंदसौर जिला पूरे प्रदेश में फेमस माना जाता है, गांधी सागर डैम मंदसौर और नीमच जिले की सीमा पर है, इसके अलावा यहां के अभ्यारण में चिंकारा, तेंदुआ भी मिलते हैं, यहां चीतों को बसाने की भी तैयारी चल रही है.
मंदसौर का धार्मिक महत्व भी है, इस शहर को रावण की ससुराल यानि रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका भी कहा जाता है, जिले में आने वाले खानपुरा गांव में रावण की बड़ी प्रतिमा भी लगी हुई है. जहां रावण को दामाद माना जाता है और पूजा भी होती है.
मंदसौर मध्य प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है, जहां स्लेट उत्पादन है. यहां उच्च किस्म की स्लेट का उत्पादन किया जाता है. स्लेट का विभिन्न निर्माण कार्यों में उपयोग किया जाता है, स्लेट उत्पादन के चलते भी मंदसौर की अलग पहचान मानी जाती है.
मंदसौर मध्य प्रदेश के उन जिलों में भी शामिल हैं, जिन्हें खेती किसानी की वजह से पहचाना जाता है, यहां पारंपरिक फसलों के साथ प्याज और लहसुन का भी बंपर उत्पादन किया जाता है, मंदसौर की कृषि मंडी एमपी की सबसे बड़ी मंडियों में से एक मानी जाती है.
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