Mandla District Putputa Vegetable: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले में जहां अनोखी रीति-रिवाज और परंपराएं हैं वहीं यहां का खान-पान भी अनोखा है. बारिश के मौसम में यहां कई देसी चीजें मिलती है जो लोगों को बहुत पसंद आती है, यहां एक खास सब्जी मिलती है, जिसका दाम 800 से 1200 रुपए के बीच होता है, लेकिन यह स्वाद में इतनी जबरदस्त होती है कि लोग इसे खरीदने के लिए पैसे के बारे में नहीं सोचते हैं. इस सब्जी का नाम पुटपुटा सब्जी है जिसे पिहरी भी कहा जाता है जो मंडला और उसके आसपास के जिलों में आने वाले जंगलों में ही मिलती है. बारिश को सीजन में मंडला जिले में इस सब्जी की जबरदस्त डिमांड देखी जा रही है.
मंडला जिले में बारिश के मौसम में स्पेशल सब्जी मिलती है. स्पेशल इसलिए भी है क्योंकि यह मंडला और आसपास के जिलों के जंगलों तक ही सीमित है. ये खास खाद्य पदार्थ है पिहरी और पुटपुटा कहलाता है जो खाने में बेहद लजीज होता है.
यदि हम इस सब्जी की बात करें तो ये मंडला जिले में आने वाले कान्हा टाइगर रिजर्व के जंगलों के साथ मोतीनाला, मवई और दूरस्थ जंगलों में होती है और वह भी बारिश के शुरुआती दिनों में ही यह उग आती है, ऐसे में इसकी डिमांड तेज हो जाती है.
इस सब्जी को लेकर स्थानीय स्तर पर एक मेथर्ड भी चलता है, कहा जाता है कि इसका संबंध बादलों की गर्जना से होता है. स्थानीय लोगों का मानना है कि जब बादलों की गर्जना होती है तब बादल जितने अधिक गरजेंगे इसका उत्पादन भी उतना ही होता है.
वहीं पुटपुटा या पिहरी सब्जी की कीमत की बात की जाए तो यह बहुत ज्यादा महंगी होती है. सीमित मात्रा में मिलने की वजह से इसकी कीमत 800 से 1200 रुपए तक होती है. लेकिन लोग इसके स्वाद के आगे महंगाई को नहीं देखते हैं और जमकर इसकी खरीददारी होती है.
मंडला जिले में इसकी डिमांड जमकर देखी जा रही है. मंडला नगर के नेहरू स्मारक चौक में इसका बाजार लगता है, स्थानीय व्यापारी इसे वनांचल में बसे ग्राम के ग्रामीणों से खरीदकर लाते हैं और फिर शहर में इसका विक्रय करते है.
इसका स्वाद जबरदस्त होता है, ऐसे में पिहरी और पुटपुटा की डिमांड केवल मंडला में ही नहीं आसपास पड़ोस के जिलों के लोग भी इसे यंहा से खरीदकर ले जाते हैं. इन दिनों इस सब्जी का स्वाद सबको पसंद आता है.
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