जानें कौन हैं हकीम सैयद जिल्लुर रहमान, जिन्हें राष्ट्रपति भवन से आया न्योता, स्वतंत्रता दिवस पर विशेष भोज में होंगे शामिल
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2871506

जानें कौन हैं हकीम सैयद जिल्लुर रहमान, जिन्हें राष्ट्रपति भवन से आया न्योता, स्वतंत्रता दिवस पर विशेष भोज में होंगे शामिल

Who is Hakim Syed Zillur Rahman: अलीगढ़ के प्रसिद्ध हकीम प्रो. सैयद जिल्लुर रहमान, यूनानी चिकित्सा के प्रख्यात विद्वान , को स्वतंत्रता दिवस पर विशेष भोज में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से निमंत्रण आया है. आइये जानते हैं कौन हैं हकीम सैयद जिल्लुर रहमान जिन्हें ये सम्मानजनक अवसर मिला है. 

जानें कौन हैं हकीम सैयद जिल्लुर रहमान, जिन्हें राष्ट्रपति भवन से आया न्योता, स्वतंत्रता दिवस पर विशेष भोज में होंगे शामिल

अलीगढ़: यूनानी चिकित्सा के प्रख्यात विद्वान और अलीगढ़ की शान पद्मश्री हकीम प्रो. सैयद जिल्लुर रहमान को भारत की राष्ट्रपति ने 15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस समारोह के विशेष भोज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. यह आमंत्रण सिर्फ एक पत्र नहीं, बल्कि एक जीवनभर की साधना और सेवा को दिया गया राष्ट्रीय सम्मान है.

राष्ट्रपति भवन से भेजे गए इस खास निमंत्रण पत्र को जब डाककर्मी हकीम साहब के निवास पर लेकर पहुंचे, तो पूरे परिवार और क्षेत्रवासियों में गर्व और खुशी की लहर दौड़ गई. खुद हकीम साहब ने इसे अपने जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण बताया और कहा कि वह इस ऐतिहासिक भोज में अपने बेटे के साथ शामिल होंगे.

हकीम साहब को जो निमंत्रण कार्ड भेजा गया है वह भी अपने आप में कम महत्वपूर्ण नहीं है. यह कार्ड भारतीय परंपरा और शिल्प कला का प्रतीक है. इसे बिहार की पारंपरिक सिक्की घास से तैयार किया गया है, जिसमें मिथिला, ओडिशा, झारखंड और बंगाल की लोक कलाओं की अद्भुत झलक है. कार्ड के साथ भेजा गया प्रत्येक सामान हैंडमेड है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और कलात्मकता का जीवंत उदाहरण है

कौन हैं हकीम सैयद जिल्लुर रहमान 
यूनानी चिकित्सा के स्कॉलर हकीम सैयद जिल्लुर रहमान का जन्म ब्रिटिश काल में एक जुलाई 1940 को भोपाल में हुआ था. उन्होंने 1961 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज से अपना करियर शुरू किया था. 1973 में वो इसी कॉलेज में रीडर और फिर 1983 में प्रोफेसर हो गए. वह 18 वर्षों तक इल्मुल अदविया विभाग के अध्यक्ष और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन रहे. 

एक नजर हकीम सैयद जिल्लुर रहमान की उपलब्धियों पर 
- पद्मश्री सम्मान (2006) 
- फारसी भाषा सेवा हेतु राष्ट्रपति सम्मान (1995)
- यश भारती पुरस्कार (2014-15) 
- तीन बार उर्दू अकादमी अवॉर्ड विजेता
- 45 से अधिक यूनानी चिकित्सा ग्रंथों के लेखक
- इब्न सीना अकादमी ऑफ मीडिवल मेडिसिन एंड साइंसेज़ के संस्थापक
- 40 वर्षों तक एएमयू के तिब्बिया कॉलेज में सेवा दी है. 

ये भी पढ़ें: यूपी के इस जिले में बनेगा देश का पहला लॉक म्यूज़ियम, 28 करोड़ होगी लागत, पर्यटन और रोजगार के खुलेंगे नए रास्ते

उत्तर प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें UP News और पाएं हर पल की जानकारी । उत्तर प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड !

TAGS

Trending news

;