Badaun News:10 हजार की नौकरी करने वाले के नाम पर 27 करोड़ का कारोबार! GST विभाग का नोटिस पाकर उड़े होश, जानिए कैसे फंसा रामबाबू
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2864712

Badaun News:10 हजार की नौकरी करने वाले के नाम पर 27 करोड़ का कारोबार! GST विभाग का नोटिस पाकर उड़े होश, जानिए कैसे फंसा रामबाबू

Badaun News: देश में आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो गया है कि नौकरी ढूंढ़ना हो, पेमेंट लेना-देना हो या किसी कंपनी से संपर्क करना हो, सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है. लेकिन कभी-कभी यह ऑनलाइन प्रक्रिया लोगों को बड़ी मुसीबत में भी डाल सकती है. ऐसा ही हुआ बदायूं के रहने वाले रामबाबू के साथ हुआ.

youth shocked after receiving 5 crore rs GST notice
youth shocked after receiving 5 crore rs GST notice

Badaun News/अमित अग्रवाल: यूपी के  बदायूं में फ्रॉड का एक अनोखा मामला सामने आया है. एक युवक, जो एक मेडिकल स्टोर में सेल्समैन की नौकरी करता है और जिसकी सैलरी मात्र 10 हजार रुपये है, उसे जीएसटी विभाग से नोटिस मिला कि उसके नाम से रजिस्टर्ड मैसर्स पाल इंटरप्राइजेज नामक फर्म ने करीब 27 करोड़ रुपये का व्यापार किया है. हैरानी की बात यह है कि इस फर्म का कोई भी जीएसटी रिटर्न अभी तक दाखिल नहीं किया गया है.

जीएसटी अधिकारी जब रजिस्ट्रेशन में दिए गए पते पर पहुंचे तो वह सीधे युवक के घर पहुंचे. युवक और उसका परिवार ये देख दंग रह गया. उसकी आर्थिक स्थिति देखकर खुद अधिकारी भी हैरान रह गए कि करोड़ों का व्यापार करने वाला व्यक्ति इतनी सामान्य स्थिति में कैसे रह सकता है. अधिकारियों को भी शक हुआ कि इस मामले में कुछ गड़बड़ है. जब जीएसटी अधिकारियों ने युवक से पूछताछ की, तो जो कहानी सामने आई वह वाकई चौंकाने वाली थी.

कैसे फंसा रामबाबू?
करीब एक साल पहले रामबाबू ऑनलाइन नौकरी की तलाश कर रहे थे, तभी उनके व्हाट्सएप पर एक लड़की का मैसेज आया. उसने खुद को टाटा मोटर्स की भर्ती एजेंट बताकर रामबाबू को नौकरी दिलाने का झांसा दिया और उनसे जरूरी दस्तावेज मंगवाए. भोले-भाले बेरोजगार रामबाबू ने अपनी सभी निजी जानकारी और दस्तावेज व्हाट्सएप के माध्यम से उस लड़की को भेज दिए. इसके बाद अचानक लड़की ने बात करना बंद कर दिया. जब रामबाबू ने संपर्क करने की कोशिश की तो कोई जवाब नहीं मिला. हताश होकर रामबाबू ने यह बात भूलकर एक मेडिकल स्टोर में सेल्समैन की नौकरी शुरू कर दी.

अब हुआ खुलासा
करीब एक साल बाद रामबाबू को जीएसटी विभाग से नोटिस मिला कि उनके नाम से रजिस्टर्ड फर्म ने कई करोड़ रुपये का व्यापार किया है और 5 करोड़ रुपये की टैक्स लायबिलिटी बनती है. यह सुनकर रामबाबू की तो दुनिया ही हिल गई. रामबाबू का कहना है कि फर्म के रजिस्ट्रेशन में जो मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दर्ज है, वह उनकी नहीं है. लेकिन बाकी सभी दस्तावेज उनके ही इस्तेमाल किए गए हैं. सीजीएसटी विभाग की टीम जब उनके घर और कार्यस्थल पर पहुंची तो उन्हें भी संदेह हुआ कि यह रजिस्ट्रेशन फर्जी तरीके से हुआ है.

पीड़ित परिवार की पीड़ा
रामबाबू के पिता ने बताया कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने बेटे से डी-फार्मा करवाया था और अब वह एक मेडिकल स्टोर में मामूली नौकरी कर रहा है.  अगर मेरा बेटा करोड़ों का व्यापार करता होता, तो हम इस छोटे से मकान में क्यों रहते और वह 10 हजार की नौकरी क्यों करता? वे चाहते हैं कि इस मामले में एफआईआर हो और जिसने भी उनके बेटे को फंसाया है, उसे सज़ा मिले.

इनकम टैक्स और सेल्स टैक्स मामलों के वकील जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि रामबाबू के साथ गंभीर धोखाधड़ी हुई है. किसी व्यक्ति ने नौकरी दिलाने के नाम पर उसके दस्तावेज लेकर फर्जी फर्म रजिस्टर कर ली.  जीएसटी विभाग ने बिना किसी भौतिक सत्यापन (सर्वे) के फर्म का रजिस्ट्रेशन कर दिया, जबकि रजिस्ट्रेशन से पहले फर्म के पते का फील्ड वेरिफिकेशन जरूरी होता है.  अब रामबाबू पर लगभग 5 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बन चुकी है. यह भी संभव है कि आगे चलकर इनकम टैक्स विभाग से भी नोटिस आए, क्योंकि फर्म का टर्नओवर करोड़ों में रहा है.

विभाग की चुप्पी
सीजीएसटी विभाग जहां से रामबाबू को समन जारी हुआ, वहां जब मामले की जानकारी लेने के लिए संवाददाता पहुंचे, तो उपस्थित अधिकारी ने कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि "यह मामला किसी अन्य अधिकारी के पास है जो फिलहाल बाहर गए हुए हैं.

और पढे़ं:  चॉकलेट देकर बच्ची को सुनसान फ्लैट में ले गया युवक, कर रहा था घिनौना काम; गुस्साए लोगों ने की जमकर पिटाई
 

Trending news

;