Hapur News: गढ़मुक्तेश्वर में गंगा ने मचाई तबाही, 12 साल बाद रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ से डूबे 12 गांव, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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Hapur News: गढ़मुक्तेश्वर में गंगा ने मचाई तबाही, 12 साल बाद रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ से डूबे 12 गांव, जनजीवन अस्त-व्यस्त

Hapur News: गढ़मुक्तेश्वर में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. 12 साल बाद आई रिकॉर्ड तोड़ बाढ़ से 12 गांव डूब चुके हैं. ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है.

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हापुड़/अभिषेक माथुर: तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर में रौद्र रूप में चल रही गंगा ने अब तबाही मचानी शुरू कर दी है. वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान आई बाढ़ के बाद अब 12 साल बाद फिर गंगा के जलस्तर ने रिकॉर्ड तोड़ते हुए तीर्थनगरी के 12 गांवों में प्रवेश कर लिया है. जिससे यहां रहने वाले ग्रामीणों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और उन्हें खाना बनाने तक के लिए परेशान होना पड़ रहा है. 

मदद को जुटा प्रशासन
ऐसे में हापुड़ जिले का प्रशासन ग्रामीणों की राहत और मदद में पूरी तरह से जुट गया है. जिले के अधिकारी अभिषेक पाण्डेय खुद अपने प्रशासनिक अफसरों की टीम के साथ बाढ़ के पानी में उतर गये हैं और बाढ़ से हुए ग्रामीणों के नुकसान और उनकी मदद के लिए जायजा ले रहे हैं. किसी भी तरह की जनहानि न हो, इसके लिए बाढ़ चौकियों के अलावा नाविकों और गोताखोरों को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है.

199.97 मीटर पहुंचा गंगा का जलस्तर
बता दें कि तीर्थनगरी गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट में गंगा का जलस्तर 199.97 मीटर दर्ज किया गया है. जो खतरे के निशान से काफी उपर चल रहा है और बाढ़ के निशान से 24 सेंटीमीटर अधिक है. जिससे ब्रजघाट से सटे खादर के 12 गांव काकाठोर की मढै़या, कुदैनी की मढ़ैया, रेतो वाली मढै़या, गडावली, लठीरा, भगवंतपुर सहित अन्य गांव प्रभावित हो गये हैं. यहां बाढ़ के जलस्तर ने अपनी तबाही मचानी शुरू कर दी है. ऐसे में ग्रामीणों की न सिर्फ फसलें पूरी तरह से गंगा के जल में डूब चुकी हैं, बल्कि उनके पशुओं के लिए चारे की भी समस्या बन गई है. 

ग्रामीओं को खाने-पीने की समस्या
जंगलों में लकड़ियां गीली होने और घरों तक में पानी के प्रवेश करने की वजह से अब ग्रामीणों को खाने-पीने की भी समस्या हो रही है. यहां ग्रामीणों के चूल्हे भी पूरी तरह से बाढ़ के पानी में आकर ठंड़े हो गये हैं. 12 गांवों का कनैक्शन भी हर तरह से कट गया है. सुरक्षा के लिहाज से बिजली आपूर्ति को भी बंद कर दिया गया है, जिससे इन गांवों में शाम होते ही ब्लैक आउट की स्थिति बन गई है. इससे ग्रामीणों को अंधेरे में और अधिक परेशानी हो रही है. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. जरूरी सामान के लिए भी ग्रामीण अपने-अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. 

डीएम ने अफसरों संग संभाला मोर्चा
गांवों के बिगड़ते हालातों और ग्रामीणों के हुए जन-जीवन अस्त-व्यस्त को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड़ में है. जिलाधिकारी अभिषेक पाण्डेय खुद अपने अफसरों की पूरी टीम के साथ ग्रामीणों की राहत के लिए जुट गये हैं. जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित गांवों में जाकर और तीन फीट तक भरे पानी में उतरकर ग्रामीणों का न सिर्फ हाल जाना, बल्कि उनके लिए राहत सामग्री की भी व्यवस्था कराई. गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली की पुलिस भी ग्रामीणों को खाद्य सामग्री भी उनके घर-घर तक पहुंचाने में जुटी हुई है. गांवों में स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी लगा दिया गया है, जिससे किसी भी ग्रामीण को चिकित्सा सुविधा दी जा सके.

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