अब सपा के पास नहीं रहेगी 'मुलायम कोठी', प्रशासन ने दिया अंतिम अल्टीमेटम, एक महीने में खाली नहीं हुआ तो वसूला जाएगा जुर्माना
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अब सपा के पास नहीं रहेगी 'मुलायम कोठी', प्रशासन ने दिया अंतिम अल्टीमेटम, एक महीने में खाली नहीं हुआ तो वसूला जाएगा जुर्माना

Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से आई एक घटना इन दिनों  राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का विषय बन चुका है. बताया जा रहा है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम मिली कोठी अब पार्टी के पास नहीं रहेगी. 

 

फाइल फोटो
फाइल फोटो

 Moradabad News/आकाश शर्मा: सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर मुरादाबाद में मिली कोठी अब पार्टी के पास नहीं रहेगी. जिला प्रशासन ने इस सरकारी संपत्ति का आवंटन निरस्त कर दिया है. बताया जा रहा है कि सपा की स्थानीय इकाई को एक माह में कोठी खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. जिसके बाद इसको लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज से हो रही हैं. आइए जानते हैं इस कोठी का क्या है इतिहास?

कहां पर बनी है ये कोठी?
आपको बता दें कि यह कोठी वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर महज 250 रुपये प्रति माह किराए पर आवंटित की गई थी. यह मुरादाबाद के सिविल लाइंस में स्थित है, जहां पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज समेत कई बड़े सरकारी संस्थान मौजूद हैं. लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली इस कोठी में पिछले कई वर्षो से सपा का जिला कार्यालय संचालित हो रहा था.

प्रशासन के मुताबिक 
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कोठी का नामांतरण नहीं कराया गया, जो कि नियमानुसार आवश्यक होता है. सरकारी आवंटन की शर्तो के मुताबिक, मूल लाभार्थी की मृत्यु के बाद संपत्ति का नामांतरण जरूरी है. इस प्रक्रिया के न होने पर प्रशासन ने आवंटन रद्द करने का निर्णय लिया.डीएम  अनुज सिंह के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है. 

फिलहाल अब मुरादाबाद जिला प्रशासन की तरफ से जो फाइनल नोटिस समाजवादी को किया गया है, उसमे इस जगह की जरूरत के लिए लिखा गया है की वर्तमान मे सरकारी योजनाओं हेतु विभाग कों शासकीय भूमियो को आवश्यकता है और अधिकारियो के आवास की भी आवश्यकता है और ऐसी परिस्थिति मे उक्त भवन की आवश्यकता शासकीय हित मे होने के कारण इस भवन कों खाली कराया जाना आवश्यक है, जिससे की शासकीय हित मे इसका प्रयोग किया जा सके.  

एडीएम (वित्त) ने जारी किया नोटिस
एडीएम (वित्त) द्वारा सपा के जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजा गया है, जिसमें 1 महीनें   के भीतर कोठी खाली करने के निर्देश दिए गए हैं. तय समयसीमा में पालन नहीं होने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. साथ ही लिखा ये भी गया है कि अगर ये आदेश पूरा नहीं होता है तो प्रतिदिन 1000 रुपए का जुर्माना भी वसूला जाएगा.

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