Review Officer Exam: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 2023 में आयोजित RO/ARO (प्रारंभिक) परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने अब तक चार अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है.
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Lucknow News: एसटीएफ ने समीक्षा अधिकारी का पर्चा लीक करने के मामले में एक और अभ्यर्थी जय सिंह को वाराणसी से गिरफ्तार किया है. जय सिंह की जेल में बंद मुख्य आरोपी सुभाष प्रकाश और विवेक उपाध्याय से 15 लाख रुपये में डील तय हुई थी. अभी तक एसटीएफ ने चार अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर चुकी है. प्रयागराज के सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमे के एक साल बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. एसटीएफ की पूछताछ में कई राज के खुलासे हुए हैं.
वाराणसी से जय सिंह गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने की शिकायत मिलने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा को कैंसिल कर दिया था. इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी थी. एसटीएफ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम गठित की और मामले की जांच शुरू की. एसटीएफ को एक साल से फरार चल रहे अभियुक्त जय सिंह के बारे में जानकारी मिली और इसके आधार पर, एसटीएफ की टीम ने जय सिंह को गिरफ्तार किया.
क्या बताया जय सिंह ने....
पूछताछ के दौरान, जय सिंह ने बताया कि उसने खुद समीक्षा अधिकारी / सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2023 का फॉर्म भरा था और परीक्षा दी थी. बीएचयू कैंपस के मधुबन पार्क में सुभाष प्रकाश नाम के व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई थी. सुभाष पर्चा लीक कराने का मुख्य आरोपी है. सुभाष ने उससे पेपर आउट कराने की बात कही थी. इसके बाद, सुभाष ने उसे विवेक उपाध्याय का नंबर दिया और उसे भोपाल बुलाया.
कितने में तय हुआ था सौदा
जय सिंह ने 7 फरवरी 2024 को भोपाल गया, जहाँ होटल कमल पैलेस में उसे परीक्षा के प्रश्नपत्र के हल दिए गए थे. भोपाल के होटल में गिरोह के सदस्यों ने पर्चा पढ़वाया और गूगल से उसके उत्तर भी दिलाए थे. कुछ घंटों के बाद पेपर वापस ले लिया गया. एएसपी के मुताबिक जय सिंह 8 फरवरी को भोपाल पहुंचा था. दोपहर में सुभाष और विवेक तीन लोगों के साथ एग्जाम का पर्चा लेकर पहुंचे थे.उन्होंने गूगल के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर दिए और उसे परीक्षा में वही प्रश्न दिए गए जो भोपाल में वितरित किए गए थे. इसके लिए जय सिंह ने 12-15 लाख रुपये में सौदा किया था.
सुभाष और विवेक की पहले ही हो चुकी गिरफ्तारी
इस मामले में पहले ही सुभाष और विवेक पिछले साल 23 जून को गिरफ्तार किए गए थे. इस पर्चा लीक प्रकरण में प्रयागराज में एफआईआर दर्ज हुई थी.अब आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है.
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