PM Fasal Bima Yojna: सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है.देश में फसलों का बीमा कराए जाने की तिथि बढ़ाई गई है. 72 घण्टे के अंदर किसानों को सूचना देनी होगी. जानिए लास्ट डेट और जरूरी काम...
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में फसल बीमा की तारीख आगे बढ़ा दी गई है. इससे किसानों को बहुत राहत मिली है क्योंकि कई किसान बीमा से वंचित हो रहे थे. फसलों के बीमा कराने की तिथि 31 जुलाई तक निर्धारित थी. सरकारी निर्देश के मुताबिक, अब सभी खरीफ की अधिसूचित फसलों के लिए फसल बीमा कराए जाने की आखिरी तारीख-गैर ऋणी किसानों के लिए 14 अगस्त और ऋणी किसानों (केसीसी/क्रॉपलोन) के लिए 30 अगस्त तक निर्धारित की गई है.
खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ी
किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है. अब गैर-ऋणी किसान 14 अगस्त और ऋणी किसान (किसान क्रेडिट कार्ड/क्रॉप लोन) 30 अगस्त तक अपनी अधिसूचित फसलों धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली, सोयाबीन और तिल का बीमा करा सकते हैं. किसान को उत्पादन मूल्य का केवल 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है. जबकि शेष राशि का भुगतान केंद्र और राज्य सरकार करती हैं. यह जानकारी कृषि विभाग की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई है.
यहां कर सकते पंजीकरण
बीमा कराने के लिए किसानों को आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक और फसल के विवरण जैसे दस्तावेज जरूरी हैं. किसान बीमा कराने के लिए बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर या ऑनलाइन पोर्टल www.pmfby.gov.in का उपयोग कर सकते हैं. कृषि विभाग ने कृषकों से अपील की है कि वे निर्धारित तारीख से पहले अपनी फसलों का बीमा कराकर इस योजना का लाभ उठाएं. इसके साथ ही, उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि नुकसान होने पर 72 घंटे के अंदर नजदीकी फसल बीमा केंद्र या हेल्प लाइन नंबर पर सूचित करें, ताकि बीमा का लाभ समय पर मिल सके. किसान क्षतिपूर्ति/क्लेम के साथ-साथ पंजीकरण में मदद, दस्तावेज संबंधी मार्गदर्शन के लिए फसल बीमा हेल्प लाइन नम्बर-14447 पर संपर्क कर सकते हैं. बीमा कराते समय वास्तविक फसल और भूमि का उल्लेख जरूर करें, जिससे क्षति के बाद बीमा कंपनी और कर्मचारी द्वारा सर्वे के समय कोई विपरीत परिस्थिति पैदा न हो.
यह योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू
वर्तमान में जिलों में अधिसूचित फसलों (धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, उर्द, मूंग, अरहर, मूंगफली,सोयाबीन एवं तिल) का बीमा कराने की लास्ट डेट 31 जुलाई नियत थी, लेकिन किसान हित में सरकार ने प्रदेश के समस्त जनपदों में इसकी तारीख बढ़ा दी गई है.यह योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू है. फसल बीमा के द्वारा किसानों को उनके उत्पादन मूल्य के न्यूनतम प्रीमियम (उत्पादन मूल्य का 2 प्रतिशत) में अधिक कवरेज दिया जाता है, जो प्राकृतिक आपदा के बाद सहायता, फसल उत्पादन जोखिम से सुरक्षा, कृषि लोन चुकाने आदि में सहायक है और कृषि क्षेत्र में कई आर्थिक लाभ किसानों को उपलब्ध कराता है.