हिमाचल सरकार ने मानसून आपदा में जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उनके लिए प्रति परिवार 7 लाख रुपये की राहत की घोषणा की है. राज्य में इस आपदा में 105 लोगों की जान चली गई है.
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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचाई है. 20 जून से 14 जुलाई 2025 के बीच राज्य में कुल 105 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें से 61 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं—भूस्खलन, बादल फटने, बाढ़, डूबने, आग और करंट लगने—से हुई हैं, जबकि 44 लोग सड़क हादसों में मारे गए.
राज्य सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है. जिन परिवारों के मकान पूरी तरह से ढह गए हैं, उन्हें ₹7 लाख की सहायता राशि दी जाएगी. यह ऐलान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया है. राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राहत कार्य लगातार जारी हैं. मंडी जिले में सबसे अधिक 17, कांगड़ा में 14 और हमीरपुर में 7 बारिश जनित मौतें हुई हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 31 फ्लैश फ्लड, 22 क्लाउडबर्स्ट और 18 बड़े भूस्खलन दर्ज किए गए हैं. 208 सड़कें अभी भी बंद हैं, और मंडी जिले में 160 से अधिक मशीनें राहत कार्य में लगी हैं. चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बार-बार भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है.
बिजली और पानी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है. 139 बिजली ट्रांसफार्मर और 745 से अधिक जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं. अभी तक 184 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कुल मिलाकर ₹784.6 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है, जिसमें सड़कें, बिजली लाइनों, कृषि भूमि, पशुपालन और स्कूल शामिल हैं.
PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि severely affected विधानसभा क्षेत्रों को ₹2 करोड़ और अन्य क्षेत्रों को ₹50 लाख की अंतरिम राहत दी गई है. उन्होंने केंद्र सरकार से और सहयोग की मांग करते हुए कहा कि यह समय राजनीतिक बयानबाजी का नहीं, बल्कि एकजुटता का है.
राज्य सरकार ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की अपील की है. राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए बचाव दल लगातार सक्रिय हैं.