यूनुस सरकार की तानाशाही पर UN में बवाल! शेख हसीना की पार्टी BAL से बैन हटाने की मांग
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यूनुस सरकार की तानाशाही पर UN में बवाल! शेख हसीना की पार्टी BAL से बैन हटाने की मांग

UN on Bangladesh Awami League Banned: ब्रिटेन के वकीलों के समूह डॉटी स्ट्रीट चैंबर्स ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील दायर की है. इस अपील में बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली और निष्पक्ष चुनाव की मांग की गई है.

 

बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस (फाइल फोटो)
बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद युनूस (फाइल फोटो)

Bangladesh News Today: बांग्लादेश में सियासी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच बांग्ला सियासत में एक नया मोड़ तब आया जब ब्रिटेन के मशहूर वकीलों के समूह डॉटी स्ट्रीट चैंबर्स के दो वकीलों ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के स्वतंत्र विशेषज्ञ के सामने एक खास अपील दायर की. यह अपील बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग की ओर से की गई है, जिसमें अंतरिम सरकार के जरिये लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई है.

इस अपील को वरिष्ठ वकील स्टीवन पॉवेल्स केसी और एलेक्स टिंसले ने तैयार किया है. दोनों ने संयुक्त राष्ट्र के डेमोक्रेटिक इंटरनेशनल ऑर्डर के स्वतंत्र विशेषज्ञ और अन्य संबंधित संस्थाओं से गुजारिश की है कि वे बांग्लादेश में लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यूनुस प्रशासन पर दबाव डालें.

युनूस सरकार पर उठ रहे सवाल

बीते साल अगस्त 2024 में मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाली थी. इसके बाद से वहां कथित तौर पर अवामी लीग समर्थकों, कार्यकर्ताओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए. बयान के मुताबिक, अंतरिम प्रशासन अपराधियों को खुली छूट दे रहा है और विपक्षी पार्टी पर सख्त कार्रवाई कर रहा है.

सरकार ने फरवरी 2026 में चुनाव कराने की घोषणा की है, लेकिन उसी के साथ यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की कार्यवाही पूरी नहीं होती, तब तक अवामी लीग और उसके नेताओं की सियासी सरगर्मियों पर रोक जारी रहेगी.

5 अगस्त को हजारों लोग गिरफ्तार

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अगस्त को बांग्लादेश पुलिस ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाकर 1,593 अवामी लीग नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने राजधानी ढाका में छापेमारी कर 11 और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, जिनमें प्रमुख ऑनलाइन कार्यकर्ता और ब्लॉगर कमाल पाशा चौधरी भी शामिल हैं.

इन सभी गिरफ्तारियों का ताल्लुक पिछले साल जुलाई में हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन से जोड़ा गया है. पूर्व मंत्री और अवामी लीग नेता मोहम्मद अराफात ने कमाल पाशा की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे 'इंसाफ के खिलाफ' करार दिया है.

अपील में क्या कहा गया?

डॉटी स्ट्रीट चैंबर्स की ओर से संयुक्त राष्ट्र को दी गई अपील में कहा गया है कि अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाना न सिर्फ मौलिक मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि यह बांग्लादेश में लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए भी खतरा है. अपील में इस बात पर भी जोर दिया गया कि अवामी लीग को आने वाले सभी चुनावों में हिस्सा लेने की पूरी तरह से इजाजत दी जाए, साथ ही स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराए जाएं.

फिलहाल संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस अपील पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सियास जानकारों का मानना है कि यह मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की साख को प्रभावित कर सकता है. अगर संयुक्त राष्ट्र ने इस अपील को गंभीरता से लिया, तो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर चुनावों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ सकता है.

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