Kanpur: कानपुर हिंसा में आरोपी नदीम को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. कोर्ट ने आरोपी को सशर्त जमानत दी है. बता दें, ये दंगा बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के बयान के बाद हुआ था.
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Kanpur: कानपुर दंगा मामले में एक बड़ी कानूनी अपडेट सामने आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2022 में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाए गए नदीम को सशर्त जमानत दे दी है. यह फैसला हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस अवनीश सक्सेना ने सुनाया है.
यह दंगा 2022 में उस समय भड़क उठा था, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेत्री नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद (स.अ.) के खिलाफ विवादास्पद बयान दिया था. इस बयान के विरोध में कानपुर के बेकनगंज थाना क्षेत्र के यतीमखाना इलाके में दो समुदाय आमने-सामने आ गए थे. विवाद ने जल्द ही हिंसक रूप ले लिया और देखते ही देखते शहर के कई हिस्सों में तनाव फैल गया.
बवाल की शुरुआत यतीमखाना की मुख्य सड़क और बाजार से हुई थी. धर्म के नाम पर दो गुटों के बीच पहले बहस हुई, फिर मामला हाथापाई और पथराव तक पहुंच गया. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक इलाके की सड़कों पर पत्थर बिखरे पड़े थे, दुकानें बंद हो चुकी थीं और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था.
पुलिस ने दंगाइयों को खदेड़ने की कोशिश की, लेकिन वे तंग गलियों और बस्तियों में घुस गए और वहीं से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हुए. हालात को काबू में करने के लिए आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. काफी देर बाद हालात पर काबू पाया गया.
बेकनगंज थाने में नदीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उस पर कई तरह के आरोप लगााए गए थे. नदीम ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करते हुए खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है. जस्टिस अवनीश सक्सेना की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है.