MP News: मध्य प्रदेश के दमोह में पुलिस की एक हरकत से मुसलमानों में भारी गुस्सा है. दरअसल, पुलिस बिना किसी की इजाजत के मस्जिद में अचानक घुस आई और तलाशी अभियान शुरू कर दिया. मुसलमानों का कहना है कि ये जहबी मकाम की गरिमा के खिलाफ है और पुलिस को पहले कमेटी से बात करनी चाहिए थी.
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MP News: स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए सुरक्षा के मद्देनज़र और बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी मिलने के बाद दमोह पुलिस ने एक सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान शहर की जामा मस्जिद में भी पुलिस ने घुसकर तलाशी ली. जिसके बाद भारी विवाद खड़ा हो गया है, मुस्लिम समाज इस कार्रवाई से काफी नाराज नजर आ रहा है. मुसलमानों ने इस कार्रवाई को मजहबी मकाम की गरिमा के खिलाफ बताया बल्कि एकतरफा सोच भी करार दिया.
जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेशी घुसपैठियों के संभावित ठिकानों की तलाश के तहत पुलिस ने शहर की होटल, लॉज और मुस्लिम इलाकों में मौजूद अलग-अलग ठहरने की जगहों पर तलाशी ली. इसी क्रम में पुलिस ने रात के समय जामा मस्जिद में भी बिना किसी जिम्मेदार प्रतिनिधि की मौजूदगी के सर्चिंग की, जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है.
जामा मस्जिद के सदर हाजी अमजद ने पुलिस की इस कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि मस्जिद में इस तरह से बिना जानकारी के दाखिल होना गलत है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज प्रशासन का हर स्तर पर सहयोग करता रहा है, लेकिन मस्जिद की जांच से पहले मस्जिद कमेटी को सूचित किया जाना चाहिए था. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मुस्तकबिल में ऐसा हुआ तो मुस्लिम समाज को मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ेगा.
विवाद के बाद मुस्लिम समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोतवाली थाना पहुंचकर थाना प्रभारी (टीआई) और क्षेत्रीय पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) से मुलाकात की और अपनी आपत्ति दर्ज कराई. इस संबंध में सीएसपी एच. आर. पांडे ने बताया कि मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों से सकारात्मक बातचीत हुई है और कुछ गलतफहमियों को दूर किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस के जरिए की जा रही सभी एक्टिविटीज नियमों के दायरे में होती हैं और समाज के सहयोग से ही सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है.