संभल में सरकारी फरमान से दहशत; प्रशासनिक अल्टीमेटम के बाद मुस्लिमों ने खुद ढहाई मस्जिद
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संभल में सरकारी फरमान से दहशत; प्रशासनिक अल्टीमेटम के बाद मुस्लिमों ने खुद ढहाई मस्जिद

UP Masjid Case: उत्तर प्रदेश में मस्जिद, मदरसे, ईदगाह, कब्रिस्तान और मजार सरकार के निशाने पर हैं. हालिया कुछ दिनों में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनी सालों पुरानी मुस्लिम धार्मिक स्थलों और मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस कार्रवाई को लेकर प्रशासन के रवैये को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं.

संभल में एक और मस्जिद पर गिरी गाज
संभल में एक और मस्जिद पर गिरी गाज

Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार मुसलमानों के धार्मिक स्थलों शिक्षण संस्थानों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. योगी सरकार की इस कार्रवाई पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं. इनमें से कई मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान और मजारें काफी पुरानी बताई जा रही हैं, जिसे प्रशासन ने जरुरी दस्तावेज न होने का दावा करते हुए सील कर दिया है फिर ध्वस्त कर दिया. 

इसी तरह का एक और मामला संभल जिले के असमोली ब्लॉक क्षेत्र से सामने आई है. जहां प्रशासन ने सालों पुरानी एक मस्जिद को अवैध बताते हुए नोटिस जारी करि दिया. जिला प्रशासन के नोटिस के बाद इंतजामिया और गांव वालों ने सरकारी फरमान का पालन करते हुए मस्जिद को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है. इससे पहले भी संभल में इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है.  

मिली जानकारी के मुताबिक, संभल जिले के असमोली ब्लॉक के एचोडा कंबोह गांव में जिस जमीन मस्जिद बनी है, प्रशासन का दावा है कि वह खलिहान की सरकारी जमीन है और इस जमीन पर मस्जिद को अवैध ढंग से बनाया गया है. प्रशासन की सख्ती और अल्टीमेटम के बाद मस्जिद इंतजामिया ने खुद ही मस्जिद को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है.

इस संबंध में कई दिनों पहले राजस्व विभाग ने जांच किया था. जांच के बाद प्रशासन ने इंतजामिया को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर मस्जिद को हटाने का आदेश दिया था. नोटिस मिलने के बाद बुलडोजर कार्रवाई के डर से कमेटी ने खुद ही मस्जिद के हिस्सों को तोड़ना शुरू कर दिया है.

इससे पहले भी संभल और चंदौसी में ऐसी ही कई जगहों पर बनी सालों पुरानी मस्जिदों और संस्थानों को अवैध बताते हुए ध्वस्त कर दिया गया है. कई मस्जिदों की इंतजामियां प्रशासन की चेतावनी के बाद खुद ही निर्माण हटाने में जुट गई हैं. इस मामले पर एसडीएम विकास चंद्र और गांव के कुछ ग्रामीणों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. प्रशासन का कहना है कि आगे भी सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.

 

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