रंगदारी न देने पर मुस्लिम कॉलेज प्रबंधक पर धर्म परिवर्तन का केस; पुलिस ने शब्बीर अहमद को भेजा जेल
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रंगदारी न देने पर मुस्लिम कॉलेज प्रबंधक पर धर्म परिवर्तन का केस; पुलिस ने शब्बीर अहमद को भेजा जेल

Siddharthnagar Religious Conversion Case: नेपाल बॉर्डर से सटे सिद्धार्थनगर जिले में कथित धर्मांतरण की हैरान करने वाली घटना सामने आई है. आरोप लगाने वाले शख्स की आपराधिक पृष्टभूमि होने के बावजूद पुलिस ने पूरी तरह से जांच के बगैर कथित आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर लिया.

कॉलेज प्रबंधक पर कथित धर्मांतरण की शिकायत करने वाला अखंड प्रताप
कॉलेज प्रबंधक पर कथित धर्मांतरण की शिकायत करने वाला अखंड प्रताप

Siddharthnagar News Today: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक कॉलेज प्रबंधक पर एक शख्स ने जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप लगाए हैं. इसकी सूचना मिलते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में कॉलेज प्रबंधक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.

यह पूरा मामला सिद्धार्थनगर जिले के इटवा तहसील स्थित अल फारूक इंटर कॉलेज का है. कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद को पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मौलाना शब्बीर अहमद पर इटावा क्षेत्र के रहने वाले अखंड प्रताप सिंह नाम के शख्स ने जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर दी थी.

आरोप लगाने वाले शख्श ने क्या कहा?

मौलाना पर आरोप लगाने वाले अखंड प्रताप का कहना है कि वह साल 2020 में बेरोजागर था. इंटर कॉलेज में बाबू की नौकरी के लिए गया था. उसे नौकरी भी मिल गई. अखंड प्रताप ने आरोप लगाया कि कुछ समय बाद स्कूल के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद ने उससे एग्रीमेंट के नाम पर एक सादे एफिडेविट पर दस्तखत करवाए. इसके बाद, उन पर धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने का दबाव डाला गया.

अखंड प्रताप ने आरोप लगाया कि मौलाना ने उसे लाखों रुपये देने का लालच दिया और अरब देशों में किसी शख्स से बात भी कराई. वह किसी तरह वहां से भाग निकला. अखंड का दावा है कि एफिडेविट के जरिये उसका नाम बदलकर "इमरान खान" कर दिया गया था, जिसकी कॉपी उसके पास मौजूद है. उसने कहा कि छांगुर बाबा की गिरफ्तारी और साम्राज्य को देखर मैंने भी मीडिया, मुख्यमंत्री और शासन प्रशासन से शिकायत की है.

शिक्षकों ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

हालांकि, स्कूल से जुड़े कई हिंदू और मुस्लिम शिक्षकों ने इन आरोपों को पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि अल फारूक इंटर कॉलेज 1992 से संचालित है और यहां सभी धर्मों के लोग काम करते हैं. स्कूल के एक शिक्षक ने बताया कि वह इस कॉलेज में करीब 30 सालों से पढ़ाते हैं और यहां 2700 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इन बच्चों को पढ़ाने और उनकी देखभाल के लिए 200 से ज्यादा स्टाफ तैनात है, जिसमें हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग हैं. इसके बावजूद इस तरह का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है.

अल फारूक इंटर कॉलेज में शिक्षक के पद पर तैनात राकेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि वह यहां पर 1997 से पढ़ा रहे हैं. प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद हम लोगों के सुख दुख में हमेशा शामिल रहते हैं. प्रबंधक पर लगे धर्मांतरण के आरोप के सवाल पर राकेश चंद्र ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं. इतने सालों की सर्विस के दौरान उन्हें कभी इस तरह का कोई मामला नहीं देखा.

कॉलेज में लेक्चरर के पद पर तैनात इंद्र प्रकाश चौधरी ने भी इन आरोपों झूठा और मनगढंत बताया. इंद्र प्रकाश चौधरी ने बताया कि वह बीते 15 महीने से यहां नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कभी किसी ने धर्मांतरण के लिए कोई लालच नहीं दिया. उन्होंने बताया कि इस कॉलेज में नौकरी उन्हें उनकी योग्यता की वजह से मिली है. हिंदूओं के धर्मांतरण के आरोप पूरी तरह से गलत हैं.

कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद पर आरोप लगाने वाले अखंड प्रताप के बारे जांच पड़ताल करने पर कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि वह पहले भी इस तरह की फर्जीवाडे़ में शामिल था. अखंड प्रताप ने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा चुका है, पुलिस जांच में यह फर्जी पाया गया था.

'बदचलन और अपराधी किस्म का शख्स'

इटावा सीओ की जांच में पिता उमेश प्रताप ने अपने इकलौते बेटे अखंड प्रताप सिंह से जान का खतरा बताया था. उमेश प्रताप ने बताया पुलिस को बताया कि अखंड प्रताप सिंह बदचलन और अपराधी किस्म का शख्स है. वह करीब दो सालों से बाहर रहा रहा था. वह लगातार जान से मारने की धमकी दे रहा था और डरा धमका कर तीन बीघे जमीन बेचवा दी.

साल 2020 में इटावा सीओ श्रीयश त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिता उमेश प्रताप ने अपने बेटे अखंड प्रताप पर जमीन बेचकर मिले पैसों को शराब पीने और गलत कामों में इस्तेमाल करने का दावा किया था. उन्होंने अखंड प्रताप से जान का खतरा बताते हुए उसे 15 मई 2020 में संपत्ति से बेदखल करने का एक समाचार पत्र में गजट भी छपवाया था.

'डिमांड पूरी न होने पर लगाए धर्मांतरण के आरोप'

वहीं, इस घटना से पहले लंबे समय से अखंड प्रताप सिंह, कॉलेज प्रबंधक मौलाना शब्बीर से अवैध पैसों की डिमांड कर रहा था. मौलाना ने जब अखंड प्रताप की कथित अवैध मांगों को पूरा करने से इंकार कर दिया तो उसने आरटीआई के जरिये कॉलेज के बारे में शिकायत दर्ज कराई. आरटीआई में जब कुछ गैर कानूनी नहीं निकला तो वह काफी दिनों तक खामोश रहा.

आरोपी मौलाना के रिश्तेदार ने प्रशासन के डर से नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अखंड प्रताप ने अल फारूक इंटर कॉलेज के प्रबंधक मौलाना शब्बीर अहमद को देख लेने की धमकी दी थी. हालिया दिनों जब छांगुर बाबा केस सुर्खियों में आया तो उसने पुलिस में शिकायत शब्बीर अहमद के खिलाफ धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी. फिलहाल पुलिस ने शब्बीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया. इस सबंधं में पुलिस प्रशासन का कोई भी आलाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

(सिद्धार्थनगर से सलमान आमिर की रिपोर्ट)

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