Waqf Act: वक्फ एक्ट की वजह से समाज दो धड़े में बंट गया है. एक वह लोग हैं जो इसका समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह लोग हैं, जो इसका विरोध कर रहे हैं. पूरी खबर पढ़ें.
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Waqf Act: वक्फ बिल को लेकर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं. कुछ मौलाना और उलेमा हैं जो इस बिल का समर्थन करते दिख रहे हैं वहीं, एक बड़ी तादाद में लोग इसके मुखालिफत में उतरे हुए हैं. मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि इस बिल से बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है, कोई भी उग्र प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा, इस कानून में गरीब लोगों के लिए सब कुछ है , जिस तरह CAA नागरिकता देने नागरिकता देने वाला कानून है, न कि नागरिकता छीनने वाला, वैसे ही ये वक्फ कानून है, तो लोग घबराए नहीं, वक्फ के बारे में प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है. मै सबसे अपील करना चाहता हूं कि ऐसा कुछ न करें.
सहारनपुर पहुंचे जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने देवबंदी मौलाना अरशद मदनी के वक्फ बिल के बयान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन ना करके सुप्रीम कोर्ट जाने पर कहा कि उनके पास अब कोई और रास्ता नहीं बचा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहे हैं. क्योंकि मुस्लिम समाज के लोग अब समझ चुके हैं बिल का विरोध सिर्फ वह लोग कर रहे हैं जिन्होंने वक्फ बिल की संपत्तियों पर कब्जा किया हुआ है.
कारी अबरार ने बताया कि मौलाना अरशद मदनी के बेटे हबीबुल्लाह मदनी पर वक्फ बिल की संपत्ति को लेकर तीन-तीन एफआईआर दर्ज हैं, और हैदराबाद में भी AIMIM की पार्टी के लोगों का वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर कब्जा है. वक्फ बोर्ड की प्रोपर्टी पर कुछ चुनिंदा लोगों का कब्जा था, इसलिए सरकार ये कानून ला रही है और कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं.
समाजवादी पार्टी सांसद अफजाल अंसारी ने एक कहा कि इसे बहुमत तंत्र से पास तो करा लिया गया, लेकिन अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट में यकीन रखिए जरूर न्याय मिलेगा. वहां बहुमत तंत्र और लोकतंत्र नहीं है, वहां संविधान के रास्ते से देखा जाएगा कि ये बिल कानून बनने योग्य नहीं है. अराजकता नहीं फैलानी चाहिए, नहीं तो इनका मकसद पूरा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि देश में जो आज माहौल है उससे सभी फिक्रमंद हो गए हैं. देश पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है. आज डॉलर 85 रुपये हो गया है. आज हम कहां खड़े हैं.? आज देश में रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो गया है.
बीते रोज मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट किया था औक लिखा था,"वक्फ कानून संविधान, धर्मनिरपेक्षता और देश की एकता व शांति के लिए बड़ा खतरा है. हमें पूरा यकीन है कि इस मामले में अदालत से हमें न्याय मिलेगा, क्योंकि इस कानून की कई धाराएं न केवल देश के संविधान के खिलाफ हैं, बल्कि इससे नागरिकों के मौलिक और धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन भी होता है. यह कानून ऐसे समय में लाया गया है जब पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत की आंधी चल रही है. हमारी कई मस्जिदें और दरगाहें पहले ही निशाना बनाई जा चुकी हैं, और वहां मंदिर होने के दावे किए जा रहे हैं. ऐसे में अगर यह असंवैधानिक कानून भी लागू हो गया तो इन बेलगाम सांप्रदायिक ताक़तों को हमारी मस्जिदों, खानकाहों, कब्रिस्तानों और इमामबाड़ों को निशाना बनाने का आधार भी मिल जाएगा.
बता दें, इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमियत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने याचिका दायर की हैं और इस बिल को संविधान और मुसलमानों के खिलाफ बताया है.