Bangladesh: यूनुस सरकार पर लगा बदनुमा दाग; भ्रष्टाचार के जाल में फंसा है पूरा प्रशासन!
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Bangladesh: यूनुस सरकार पर लगा बदनुमा दाग; भ्रष्टाचार के जाल में फंसा है पूरा प्रशासन!

Bangladesh News: बीएनपी और कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों ने पहले छात्र नेताओं और यूनुस के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. अब खालिदा जिया के एक निजी सचिव ए बी एम अब्दुस सत्तार ने सरकार पर बड़ा इल्जाम लगाया है.

Bangladesh: यूनुस सरकार पर लगा बदनुमा दाग; भ्रष्टाचार के जाल में फंसा है पूरा प्रशासन!

Bangladesh News: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के एक निजी सचिव ए बी एम अब्दुस सत्तार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कई सलाहकारों पर भ्रष्टाचार के गंभीर इल्जाम लगाए हैं. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी महत्वपूर्ण नियुक्ति या तबादले में इन सलाहकारों की संलिप्तता के बिना कुछ भी नहीं होता. सत्तार ने ये आरोप ढाका के बीआईएएम ऑडिटोरियम में आयोजित एक सेमिनार में लगाए. यह सेमिनार बांग्लादेश प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा 'जुलाई जन विद्रोह की उम्मीदें और लोक प्रशासन का भविष्य' विषय पर आयोजित किया गया था.

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, सत्तार ने बिना नाम लिए दावा किया कि उनके पास कम से कम आठ सलाहकारों के “असीमित भ्रष्टाचार” के सबूत हैं. उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी के पास भी इन सलाहकारों के भ्रष्टाचार के प्रमाण मौजूद हैं, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

सत्तार ने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर किसी सलाहकार के सहायक निजी सचिव के खाते में 200 करोड़ टका मिले तो भी कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या नुरजहां बेगम स्वास्थ्य मंत्रालय चला सकती हैं? क्या स्थानीय सरकार मंत्रालय और युवा एवं खेल मंत्रालय जैसे दो महत्वपूर्ण मंत्रालय एक अनुभवहीन सलाहकार को सौंपना सही है?”

उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय सरकार और युवा एवं खेल मंत्रालय में एक अनुभवहीन व्यक्ति की नियुक्ति की गई है और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को इस बात की जानकारी होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया जा रहा.

सत्तार ने कहा कि यूनुस-नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार पहले से भी ज्यादा बढ़ गया है.
पिछले महीने बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा था कि देश में न तो सुशासन है और न ही कोई ठोस सुधार, जिससे वसूली के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है. उनके मुताबिक, “पहले एक व्यापारी को एक लाख टका वसूली देनी पड़ती थी, अब पांच लाख टका देनी पड़ रही है. पुलिस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया.”

गौरतलब है कि बीएनपी और कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों ने पहले छात्र नेताओं और यूनुस के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल किया था. हसीना का सत्ता से अचानक बाहर होना विश्व स्तर पर देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक बड़ा झटका माना गया. अंतरिम सरकार पर चरमपंथी इस्लामी संगठनों को संरक्षण देने के लिए भी भारी आलोचना हो रही है.

इनपुट-आईएएनएस

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