Sudan Starvation Crisis: सूडान के अल-फाशर शहर में भुखमरी और कुपोषण चरम पर है. RSF के कब्जे में फंसे हजारों परिवार अब जानवरों का चारा खाने पर मजबूर हैं.संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत मदद नहीं पहुंची, तो हजारों लोगों की मौत हो सकती है.
Trending Photos
Sudan Humanitarian Crisis: सूडान में दो साल से जारी गृहयुद्ध ने देश को भयानक मानवीय संकट में धकेल दिया है. पश्चिमी सूडान के अल-फाशर शहर के हालत इतने खराब हो चुके हैं कि वहां रहने वाले लोग अब जानवरों का चारा खाने पर मजबूर हैं. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत मदद नहीं पहुंची, तो हजारों लोग भूख से मर सकते हैं.
अल-फाशर शहर, सूडान के उत्तरी दारफूर राज्य की राजधानी है. मई 2023 से पैरामिलिट्री समूह रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के कब्जे में है. इस समूह ने शहर को चारों ओर से घेर रखा है, जिससे सभी मुख्य रास्ते बंद हो चुके हैं. इसकी वजह से खाने पीने की चीजों के साथ दवाओं की आपूर्ति पूरी तरह से रुक गई है.
खाने की कमी की वजह से यहां की एक बड़ी आबादी भूखमरी और कुपोषण की चपेट में है. अल-फाशर के एक कैंप में रह रहे उथमान अंगारो ने बताया कि वहां के लोग अब 'अमबाज' नाम का चारा खा रहे हैं, जो आमतौर पर जानवरों को दिया जाता है. यह मूंगफली के छिलकों से तैयार किया जाता है.
एक समय का खाना पाने के लिए लोग स्थानीय चैरिटी किचन 'मतबख अल-खैर' पर निर्भर हैं. हालांकि, अब वहां भी खाना कम पड़ रहा है. एक पशु चिकित्सक जुल्फा अल-नूर ने बताया कि अमबाज का स्टॉक भी खत्म हो रहा है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि राहत सामग्री को हवाई रास्ते से गिराया जाए.
यूनाइटेड नेशन के मुताबिक, अल-फाशर में 5 साल से कम उम्र के 40 फीसदी बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार हैं, जबकि 11 फीसदी बच्चे अत्यधिक गंभीर हालत में हैं. ऊपर से हैजा और अन्य बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. अब तक 191 लोगों की भूख और कुपोषण से मौत हो चुकी है, जिनमें से अकेले तविला इलाके में 62 लोगों की जान गई है.
अगस्त में सूडान में बारिश का मौसम होता है, जिससे रास्ते खराब हो चुके हैं. इसकी वजह से पीड़ितों तक पहुंचाने और मानवीय सहायता पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. यूनिसेफ ने बताया है कि फंड की भारी कमी की वजह से बच्चों के लिए साफ पानी, पोषण और दवाएं उपलब्ध नहीं हैं.
यूनिसेफ प्रतिनिधि शेल्डन येट ने कहा,"बच्चे अब सिर्फ हड्डियों का ढांचा बन चुके हैं. अगर अब मदद नहीं मिली, तो बहुत देर हो जाएगी." स्थानीय लोगों का आरोप है कि RSF न सिर्फ राहत काफिलों को रोक रहा है, बल्कि कई बार खाने पीने और दैनिक इस्तेमाल का सामान लेकर पहुंचने वाले काफिले पर भी हमले कर चुका है. इससे हालात और बदतर हो गए हैं.
अल-जजीर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक सूडान में 1.3 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं और हजारों मौतें हो चुकी हैं. अल-फाशर में मौजूद आईपीसी फेज-5 में पहुंच गया है यानी 'पूरी तरह अकाल' की चपेट में आने वाला है. यूनाइटेड नेशन के मुताबिक, अब सिर्फ 23 फीसदी जरूरी अंतरराष्ट्रीय मदद ही सूडान तक पहुंच पाई है.
ये भी पढ़ें: Kishanganj: गबन, धोखाधड़ी और दुष्कर्म के आरोप…AIMIM नेता की कुर्सी गई, अब संपत्ति भी जाएगी!