UAE ने अफगान औरतों को दिया सदियों के दर्द से राहत; पहली बार अस्पताल में पैदा हुआ बच्चा
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UAE ने अफगान औरतों को दिया सदियों के दर्द से राहत; पहली बार अस्पताल में पैदा हुआ बच्चा

UAE Hospital in Afghanistan: तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद अफगानिस्तान में जिंदगी पटरी पर लौट रही है. हालांकि, अफगानिस्तान अभी भी बुनिया स्वास्थ्य सुविधाओं को अभाव है. इसी क्रम में औरतों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने और प्रसव सुविधा उपलब्ध कराने की मंशा से UAE ने वर्ल्ड क्लास क्लीनिक खोला है. 

 

फाइल फोटो
फाइल फोटो

Afghanistan News Today: दशकों तक जंग की मार झेलने वाले अफगानिस्तान के लोग 21वीं सदी में कई बुनियादी सहूलियतों के लिए तरस रहे हैं. तालिबान के दोबारा सत्ता में लौटने के बाद हालात में कुछ हद तक सुधार हुआ है, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी भी हालात जस के तस बने हुए हैं. अफगान औरतों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के मकसद से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने डिलीवरी क्लीनिक (Maternity Clinics) खोला है.

UAE स्पांसर्ड इस क्लीनिक को लेकर अफगानिस्तान के औरतों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है. इसी तरह का एक क्लीनिक अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के जलालाबाद में खुला है. स्थानीय निवासी शाजिया मोहम्मदी नाम की औरत ने पहली बार मेडिकल क्लिनिक में बच्चे को जन्म दिया है, यह उनका सातवां बच्चा है. बच्ची की सुरक्षित पैदाइश के बाद शाजिया काफी खुश नजर आईं.

शाजिया ने पहली बार डॉक्टरों, दवाओं और पेशेवर स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में सुरक्षित प्रसव का अनुभव किया. उनकी बेटी फातिमा भी यूएई के जरिये अफगानिस्तान में बनाए गए दस नए Maternity Clinics में से एक में जन्म लेने वाली पहली बच्ची बनीं. यह ग्रामीण इलाकों में मातृ स्वास्थ्य के लिए एक नई शुरुआत है. शाजिया ने कहा, "हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. अब हमें जो मदद मिली है, उसके लिए हम यूएई के आभारी हैं. हमारी जिंदगी में यह एक बहुत बड़ा बदलाव है."

शाजिया के पति रमजान मोहम्मदी ने बताया, "हमारे छह बच्चे घर पर पैदा हुए हैं, क्योंकि अस्पताल तक जाने का खर्च नहीं उठा सकते थे. अब पहली बार हमारे घर के पास एक क्लीनिक बना है और यह हमारे लिए बहुत बड़ी राहत है." UAE स्पांसर्ड क्लीनिक उन इलाकों में बनाए गए हैं, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव था. इसके खुलने से लोगों में एक उम्मीद जगी है. 

UAE स्पांसर्ड क्लीनिक अफगानिस्तान के नंगरहार, बल्ख, हेरात, पक्तिया, पक्तिका, हेलमंद और कंधार जैसे सात प्रांतों में बनाए गए हैं. इनमें मां और बच्चों की देखभाल, परामर्श, गर्भनिरोधक सेवा, इमरजेंसी इलाज, दवा और गंभीर मामलों के लिए रेफरल जैसी सुविधा दी जाती है. साथ ही इन क्लीनिक में हेल्थ एजुकेशन, जनजागरूकता और टीकाकरण जैसे कामों के लिए भी केंद्र बनाए गए हैं, जहां रोजाना 20 से ज्यादा लोगों का इलाज किया जाता है. इसमें Covid-19 और टीबी से बचाने वाला BCG टीका भी शामिल है.

इन क्लीनिक में से एक पर काम करने वाले डॉ. इकरामुल्लाह बताते हैं, "पहले बच्चे घर पर बिना किसी चिकित्सा सुविधा के असुरक्षित और गंदे हालात (Unhygienic) में पैदा होते थे. अब चीजें बदल रही हैं और लोग बहुत खुश हैं." उन्होंने बताया कि "हम सुरक्षित प्रसव के साथ-साथ मां और बच्चे की देखभाल, टीकाकरण और खान-पान से जुड़ी चीजों के लिए भी पूरी मदद करते हैं."

डॉ. इकरामुल्लाह ने आयशा कमरी नाम की एक बच्ची का उदाहरण देते हुए बताया, "यह क्लीनिक पहले ही सैकड़ों बच्चों और मांओ को जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा हैं. इससे अफगानिस्तान में बच्चों की ऊंची मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है." यूनिसेफ के मुताबिक, अफगानिस्तान में हर 1,000 बच्चों में से 57 बच्चे पांच साल की उम्र से पहले ही मर जाते हैं.

स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ यह पहल स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रही है. इन क्लीनिकों के आसपास छोटे- छोटे कारोबार जैसे ट्रांसपोर्टेशन और खाने पीने की दुकानें शुरू हो गई हैं और 100 से ज्यादा अफगानियों को मेडिकल सपोर्ट से लेकर प्रशासनिक कामों तक में रोजगार मिला है. नंगरहार प्रांत के स्वास्थ्य निदेशक मौलवी अमीनुल्लाह शरीफ ने कहा, "हम यूएई के इस इन्वेस्टमेंट के लिए शुक्रागुजार हैं. यह क्लीनिक गरीब लोगों के लिए बहुत जरूरी था. अब उन्हें टीकाकरण, प्रसव और पोषण जैसी जरूरी सेवाएं मिल रही हैं." 

ये सभी क्लीनिक आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और लोगों के इलाज के लिए तैयार हैं. यहां अच्छे इलाज के लिए नए मेडिकल उपकरण हैं. बिजली के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा रहा है. मरीजों के लिए मोबाइल क्लीनिक और एम्बुलेंस की सुविधा भी है. इन क्लीनिकों में काम करने वाला स्टाफ बहुत मेहनती और मददगार है. यूएई ने ये क्लीनिक महिलाओं और बच्चों की मदद के लिए बनाए हैं. इसका मकसद गरीब और जरूरतमंद लोगों की ज़िंदगी बेहतर बनाना है।

उम्मीद है कि आने वाले समय में ये क्लीनिक 1 लाख से ज्यादा महिलाओं की मदद करेंगे. यह अफगानिस्तान के दूर-दराज के इलाकों में एक बड़ा बदलाव लाएंगे. अब वहां लोगों को इलाज आसानी से मिल सकेगा.

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