तोड़ दिए गए सैकड़ों मदरसे और मजार फिर भी रातों-रात सरकारी ज़मीन पर मजार बनाने का इल्ज़ाम
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तोड़ दिए गए सैकड़ों मदरसे और मजार फिर भी रातों-रात सरकारी ज़मीन पर मजार बनाने का इल्ज़ाम

Uttarakhand News: उत्तराखंड में सरकार अवैध मदरसों और मजारों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है, वहीं, उत्तराखंड के हरिद्वर में सरकार की जमीन पर कब्जा करके मजार बनाने की घटना सामने आई है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें. 

 

तोड़ दिए गए सैकड़ों मदरसे और मजार फिर भी रातों-रात सरकारी ज़मीन पर मजार बनाने का इल्ज़ाम

Uttarakhand News: उत्तराखंड के हरिद्वार से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां 10 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा कर, मजार बना दी गई है. ऐसा कथित हिंदूवादी संगठन के जरिए दावा किया जा रहा है. एक तरफ उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में अवैध मजारों के खिलाफ लगातार बुलडोजर कार्रवाई देखने को मिल रही हैं. दूसरी ओर हरिद्वार में सरकारी जमीन कब्जा कर दरगाह बनाने का इल्जाम है. 

उत्तराखंड के हरिद्वार में मुस्लिम समुदाय पर इल्जाम है कि उन्होंने टिहरी पुनर्वास की सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर, अवैध दरगाह बना दिया है. इस मामले के सामने आते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है. प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिलते ही, जिला के DM ने मामले की जांच का आदेश दे दिया है. हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधनंद गिरी ने कथित अवैध मजार का विरोध किया है. उन्होंने सरकार से मुल्जिमों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने उत्तराखंड से लैंड जिहाद खत्म करने की अपील की है. 

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही प्रशासन को अवैध मजार के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था, लेकिन सरकार के सख्त आदेश के बाद भी सरकारी जमीन कब्जा करने और मजार बनाने की घटना से स्थानीय लोग चिंतित हैं. स्थानीय लोगों ने इस घटना के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है और सख्त कार्रवाई की मांग की है. 

गौरतलब है कि उत्तराखंड में अब-तक लगभग 31 मजारों और 218 मदरसों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है. इन कार्रवाईयों से मुस्लिम समाज में नाराजगी है. मुस्लिम समाज का कहना है कि सरकार जानबूझकर मुसलमानों और उनके मजहबी स्थलों को निशाना बना रही है. साथ ही विपक्षी दल सरकार के इस कार्रवाई को सांप्रदायिकता की राजनीति बताते हैं. उनका कहना है कि सरकार मुस्लिम समुदाय को टार्गेट करके सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही है. 

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