Fighter Jet Landing: सुपरसॉनिक जेट्स बड़े मजे से छोटे वॉरशिप्स पर भी उतर सकते हैं क्योंकि इसके पीछे एक खास तकनीक का हाथ है.
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Fighter Jet Landing: दुनिया में जितने भी वॉरशिप्स हैं उनकी लम्बाई तकरीबन 300 से 400 मीटर होती है. ये लंबाई आपको ज्यादा लग सकती है लेकिन किसी फाइटर जेट की लैंडिंग के लिए काफी कम है. इसके बावजूद भी इन्हें सेफली लैंड करवाया जाता है. आखिर ऐसा कैसे संभव है. अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर इसके पीछे किस तकनीक का हाथ है.
अरेस्ट केबल से सेफली लैंड होते हैं फाइटर जेट्स
आप शायद यकीन नहीं कर पाएंगे लेकिन फाइटर जेट्स को वॉरशिप्स पर सेफली लैंड करवाने के पीछे अरेस्ट केबल का बड़ा योगदान है. दरअसल ये केबल हाइड्रॉलिक्स की मदद से एक्सेस किया जाता है जो वॉरशिप्स के फ्लोर पर लगाया जाता है.
इसे हाइड्रोलॉलिक्स की मदद से पूरा खींच दिया जाता है जिससे इसमें टेंशन बना रहे, इसके बाद जब फाइटर जेट लैंड होता है तो इस अरेस्ट केबल में फाइटर जेट पर लगा हुआ हुक फंस जाता है. इसके बाद हाईड्रोलिक्स के टेंशन से फाइटर जेट सही समय पर रुक जाता है. हालांकि इस दौरान पायलट जेट फाइटर का इंजन बंद नहीं करता है जिससे किसी तरह की चूक हो तो जेट वापस से उड़ान भर सके.