Manoj Bajpayee: हिंदी सिनेमा के सबसे पसंदीदा फिल्म स्टार मनोज बाजपेयी का अभिनय का सफर आसान नहीं रहा है. उनका जन्म बिहार के छोटे से गांव में हुआ था. एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने के लिए उन्होंने झूठ बोला था.
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Manoj Bajpayee: दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता मनोज बाजपेयी का अभिनय की दुनिया में आने का सफर आसान नहीं रहा है. बिहार के छोटे से गांव में जन्मे मनोज को अभिनय में आने के लिए पिता से झूठ तक बोलना पड़ा था. अभिनेता का 23 अप्रैल को 55वां बर्थडे है. इस मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ा एक मजेदार किस्सा.
एक्टर बनने का ख्याब दिल में बसाया
मनोज बाजपेयी का जन्म भले ही बिहार के छोटे से गांव में हुआ, मगर उन्होंने बचपन से ही एक्टर बनने का बड़ा ख्वाब अपने दिल में बसा लिया था. इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की, काफी पापड़ बेले और झूठ भी बोला. द अनुपम खेर शो में अभिनेता ने बताया था कि उनके किसान पिता की इच्छा थी कि उनका लाल डॉक्टर बने और इसके लिए वह उन्हें दिन-रात प्रोत्साहित भी करते थे.
7 साल की उम्र में हॉस्टल गए थे एक्टर
गरीबी की वजह से अपने डॉक्टर बनने के टूटे सपने को वह अपने बेटे के जरिए पूरा करना चाहते थे. इसी वजह से उन्होंने मनोज को सात साल की उम्र में ही हॉस्टल भेज दिया था. मनोज ने बताया था कि उन्हें इतनी कम उम्र में हॉस्टल भेजे जाने को लेकर अपने परिजनों से शिकायत भी है. उन्होंने कहा था, मेरी उम्र कम थी और वहां मुझे दूसरे बड़े बच्चे परेशान करते थे.
दिल्ली आने के लिए लिया झूठ का सहारा
शो में मनोज ने खुलासा किया कि उन्हें एक्टर बनने के लिए काफी मेहनत करनी थी. दिल्ली पहुंचने के लिए उन्होंने झूठ का सहारा लिया था. 12वीं पास करने के बाद उन्होंने पेरेंट्स से कहा था कि वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जा रहे हैं. पेरेंट्स को सच बताकर वह दिल्ली नहीं आ पाते, इसी वजह से उन्हें झूठ बोलना पड़ा था.
सच जानकर पिता नहीं हुए नाराज
उन्होंने पिता से कहा था कि मैं डॉक्टर तो नहीं बन सकता, लेकिन आईएएस बनूंगा और इसी की तैयारी के लिए दिल्ली जाना चाहता हूं. मनोज की इन बातों को सुनकर परिवार वाले मान गए और उन्हें दिल्ली भेज दिया. कुछ साल बीत जाने के बाद मनोज ने पिता को खत लिखकर बता दिया कि वह अभिनेता बनने के लिए दिल्ली आए हैं. खास बात है कि यह सच जानकर उनके पिता नाराज नहीं हुए, बल्कि उन्होंने जवाब मजेदार अंदाज में देते हुए लिखा था, मेरे प्रिय पुत्र मनोज. मैं तुम्हारा ही पिता हूं और मुझे पता है कि तुम दिल्ली एक्टर बनने गए हो, आईएएस अधिकारी नहीं. (एजेंसी)