Sitaare Zameen Par Review: कॉमेडी और इमोशन्स का तड़का है आमिर खान की फिल्म, टिकट बुक करने से पहले जानें क्या आएगा मजा
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Sitaare Zameen Par Review: कॉमेडी और इमोशन्स का तड़का है आमिर खान की फिल्म, टिकट बुक करने से पहले जानें क्या आएगा मजा

Sitaare Zameen Par Movie Review: आमिर खान की 'सितारे जमीन पर' ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार दर्शकों के बीच दस्तक दे दी है. अगर आप भी फिल्म देखने जा रहे हैं तो पहले जान लीजिए कैसी है फिल्म की कहानी.

Sitaare Zameen Par Review: कॉमेडी और इमोशन्स का तड़का है आमिर खान की फिल्म, टिकट बुक करने से पहले जानें क्या आएगा मजा

निर्देशक- आर एस प्रसन्ना
स्टार कास्ट- आमिर खान, जेनेलिया डिसूजा, डॉली अहलूवालिया, गुरुपाल, ब्रिजेन्द्र काला, सिमरन मंगेशकर, आयुष दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा
स्टार रेटिंग: 3

Sitaare Zameen Par Review: आमिर खान की फिल्में अपने साथ कुछ उम्मीदें भी लेकर आती हैं, उम्मीद एक नई कहानी की, उम्मीद कुछ बेहतरीन कर दिखाने की. ऐसे में जब भी उनकी फिल्में रिलीज होती हैं, दर्शक सिनेमाघरों तक खिंचे चले जाते हैं. अब आमिर मोस्ट अवेटेड फिल्म 'सितारे जमीन पर' को लेकर दर्शकों के बीच हाजिर हैं. जहां एक ओर 'तारे जमीन पर' की वजह से इस फिल्म को देखने की चाहत बढ़ी, वहीं फिल्म का ट्रेलर भी दर्शकों की एक्साइटमेंट बढ़ाने के लिए काफी था.  वहीं, अब शुक्रवार, 20 जून को आखिरकार फिल्म ने थिएटर्स में दस्तक दे दी है.

कहानी
फिल्म की कहानी गुलशन अरोड़ा नाम के एक असिस्टेंट कोच की है, जो अहंकार से भरा होता है. उसे अपने सिवा किसी की कोई परवाह नहीं होती, लेकिन जिंदगी उसे सबक सिखाने के लिए एक अलग ही षड़यंत्र रचती है. एक दिन गुलशन शराब पीकर गाड़ी चलता है और पकड़ा जाता है. सजा के तौर पर कोर्ट उसे समाज सेवा के आदेश देता है. अब उसे तीन महीने तक ऐसी टीम को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देनी होती है जो स्पेशली एबल्ड है.

इस सजा को स्वीकार करने के अलावा गुलशन के पास और कोई रास्ता नहीं होता. शुरुआत में गुलशन के हाथ-पांव फूल जाते हैं. वह परेशान हो जाता है, लेकिन बाद में उसकी ये सजा ही उसके लिए जिंदगी की सबसे बड़ी सीख बन जाती है. एक घमंडी इंसान से जिम्मेदार कोच बनने तक का गुलशन का सफर दर्शकों को सीट से बांधे रखता है.

एक्टिंग
फिल्म में आमिर खान को गुलशन नाम के घमंडी असिस्टेंट कोच के रोल में देखा जा रहा है. उन्होंने इस किरदार को बहुत खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है. अपनी गजब की एक्टिंग से उन्होंने फिर साबित किया है कि वह आखिर क्यों इंडस्ट्री के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहलाए जाते हैं. उनकी डायलॉग डिलीवरी हमेशा की तरह दमदार है. वहीं, जेनेलिया देशमुख ने आमिर की पत्नी का रोल निभाया है. उन्हें जितना भी स्क्रीन स्पेस उन्होंने उसे दिलचस्प बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी. हालांकि, जेनेलिया को देखकर यह जरूर महसूस होता है कि इसमें और तड़का लगाया जा सकता था.

फिल्म के असली हीरो तो 10 न्यूरोडाइवर्जेंट हैं. उनके किरदार में कुछ बनावटी नहीं लगा. उन्होंने अपने स्क्रीन स्पेस को बहुत खूबसूरती से पर्द पर उतारा. डॉली अहलूवालिया भी गुलशन की मां की भूमिका बिल्कुल फिट बैठती दिख रही हैं. वहीं, बृजेन्द्र काला का कॉमिक टाइमिंग पर आप भी तालियां बजाने पर मजबूर हो जाएंगे.

डायरेक्शन
आरएस प्रसन्ना के डायरेक्टर में बनी 'सितारे जमीन पर' स्पैनिश हिट 'चैंपियंस' की एडेप्टेशन है. फिल्म बेशक हिन्दी रीमेक है लेकिन डायरेक्टर ने कहानी पर अच्छी पकड़ बनाने की कोशिश की है.

रिव्यू
फिल्म का पहला हाफ आपको थोड़ा स्लो लग सकता है. आमिर अपनी सजा की वजह से गुस्से में दिख रहे हैं, वहीं, जेनेलिया के साथ उनकी शादी भी ठीक नहीं चल रही. उनकी इस लाइफ के बीच थोड़े-बहुत हंसी के ठहाके लग सकते हैं, लेकिन हंसी वाला सिर्फ उतना ही है, जितनी झलक ट्रेलर में दिखी है. सेकंड हाफ की शुरुआत स्लो है, लेकिन बाद में फिल्म अपने ट्रैक पर आती है मजेदार लगती है. आमिर की कॉमेडी अच्छी है. इस वीकेंड किसी और बड़ी फिल्म ने थिएटर्स में दस्तक नहीं दी है, वहीं, फैमिली फिल्म होने के कारण इसे देखा जा सकता है.

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