FPV drones Ukraine Russia attack: 1 जून 2025 रूस के इतिहास में दर्ज हो गया. यूक्रेन-रूस की जंग में पहली बार जेलेंस्की ने ऐसा दर्द दिया है जो पूरे जिंदगी पुतिन और रूस को याद रहेगा. यूक्रेन ने पहली बार रूस में करीब चार हजार किलोमीटर अंदर घुसकर रूस के कई विमानों को तबाह कर दिया. एक साथ, कई जगहों पर तबाही यूकेन ने जिस हथियार से मचाई उसका नाम है- FPV ड्रोन.
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Drone Attack in Russia: यूक्रेन और रूस की जंग बहुत अलग मोड़ पर पहुंच गई है. जेलेंस्की की सेना ने एक जून को ऐसा कारनामा किया जिसकी उम्मीद पुतिन को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को नहीं थी. यूक्रेन ने रूस में ऐसी तबाही मचाई जो इतिहास में दर्ज हो गई. इस हमले को यूक्रेन ने “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” नाम दिया. प्लान इतना सीक्रेट था कि रूस को भनक तक नहीं लगी और उसके 40 से ज्यादा फाइटर प्लेन या तो जल गए या बुरी तरह टूट गए. यूक्रेन ने रूस के अंदर घुसकर पांच बड़े एयरबेस पर एक साथ ड्रोन अटैक करके पूरी दुनिया को चौंका दिया है. सभी जानना चाहते हैं कि आखिर यूक्रेन ने कैसे इस तरह की तबाही रूस में मचाई, उसमें एक नाम सामने आया है FPV ड्रोन. इसी के दमपर यूक्रने ने रूस में यूक्रेन की जंग के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी तबाही मचाई है. आइए जानते हैं कि एफपीवी ड्रोन क्या हैं और यूक्रेन ने इनका इस्तेमाल रूस पर हमले के लिए कैसे किया?
एफपीवी ड्रोन से कैसे मचाई तबाही, वीडियो देखें;-
#BREAKING Russia's Belaya strategic bombers airbase in Irkutsk region, 4,000 km from Ukraine, does not feel good today. The locals say "it is already the 11th (drone)", and we can clearly see an FPV quadrocopter drone flying, what proves that it is an action of a sabotage group pic.twitter.com/1CEc6q3hap
— Sergej Sumlenny, LL.M (@sumlenny) June 1, 2025
एफपीवी ड्रोन क्या हैं?
एफपीवी यानी 'फर्स्ट-पर्सन व्यू' ड्रोन. यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें ड्रोन को चलाने वाला व्यक्ति ड्रोन पर लगे कैमरे के जरिए वास्तविक समय में वह सब देख सकता है जो ड्रोन देख रहा होता है. यह लाइव वीडियो खास चश्मों, स्मार्टफोन या किसी स्क्रीन पर दिखाई देता है. इसकी मदद से ड्रोन को दूर से ही नियंत्रित किया जा सकता है. ये ड्रोन सिर्फ युद्ध में ही नहीं, बल्कि फिल्मों को बनाने और अन्य कामों में भी इस्तेमाल होते हैं.
जंग में एफपीवी ड्रोन क्यों खास हैं?
एफपीवी ड्रोन युद्ध में इसलिए खास हैं क्योंकि ये सस्ते, असरदार और गुप्त तरीके से हमला करने में सक्षम हैं. एक सामान्य एफपीवी ड्रोन, जिसमें विस्फोटक सामग्री भी शामिल हो उसकी कीमत करीब करीब 500 डॉलर (लगभग 42,000 रुपये) हो सकती है. यह पारंपरिक हथियारों की तुलना में बहुत सस्ता है. इनकी छोटी साइज और तेज गति के कारण इन्हें पकड़ना मुश्किल होता है. ये ड्रोन किसी भी इलाके में टारगेट करके हमला कर सकते हैं और दुश्मन की हवाई सुरक्षा से बच भी सकते हैं.
यूक्रेन का रूस पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 1 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस पर एक ऐतिहासिक ड्रोन हमला किया, जिसे "ऑपरेशन स्पाइडर वेब" नाम दिया गया. यह हमला रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता में रहते हुए रूस पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिसने रूस की सैन्य ताकत को भारी नुकसान पहुंचाया. यूक्रेन ने इस ऑपरेशन में 117 सस्ते एफपीवी (फर्स्ट-पर्सन व्यू) ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिनकी कीमत महज 500-600 डॉलर (लगभग 42,000-50,000 रुपये) प्रति ड्रोन थी. इन ड्रोनों ने रूस के पांच प्रमुख एयरबेस जिसमें बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो, ओलेन्या और अन्य को निशाना बनाया, जिसमें 41 से ज्यादा रूसी बमवर्षक विमान, जैसे टीयू-95, टीयू-22 और दुर्लभ ए-50 जासूसी विमान, तबाह हो गए. यूक्रेन की खुफिया एजेंसी एसबीयू (SBU) के अनुसार, इस हमले से रूस को 7-10 बिलियन डॉलर (लगभग 17,000-59,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ.
18 महीने से ऑपरेशन की चल रही थी तैयारी
इस ऑपरेशन की योजना 18 महीने से बन रही थी. यूक्रेन ने एफपीवी ड्रोनों को रूस में तस्करी के जरिए भेजा और उन्हें ट्रकों में बने "मोबाइल लकड़ी के ढांचों" में छिपाया गया. इन ट्रकों को रणनीतिक स्थानों, जैसे पेट्रोल पंप या एयरबेस के पास पार्क किया गया. रिमोट से ट्रक की छत खोलकर ड्रोन लॉन्च किए गए, जो कम ऊंचाई पर उड़ते हुए रूस के S-400 जैसे हवाई रक्षा सिस्टम को चकमा देने में कामयाब रहे. इन ड्रोनों में ऑटो-होमिंग तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया गया, जिससे वे रूसी विमानों की कमजोर जगहों, जैसे ईंधन टंकियों, को सटीकता से निशाना बना सके.
क्या यूक्रेन पहले भी एफपीवी ड्रोन इस्तेमाल कर चुका है?
हां, यूक्रेन पहले भी रूस के खिलाफ इन ड्रोन का इस्तेमाल कर चुका है. नवंबर 2023 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने सस्ती रणनीतियों में एफपीवी ड्रोन को सबसे सफल हथियारों में से एक बनाया है. ये ड्रोन रूस के टैंकों को नष्ट करने में भी कारगर रहे हैं. 2024 में नाटो के एक अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन ने हाल के महीनों में रूस के दो-तिहाई टैंकों को एफपीवी ड्रोन से नष्ट किया.
यूक्रेन अब अपने ड्रोन उत्पादन को भी बढ़ा रहा है. मार्च 2025 में यूक्रेनी कंपनी व्यारी ड्रोन ने 1,000 "ऑल-यूक्रेनी" एफपीवी ड्रोन की पहली खेप सौंपी. इस साल यूक्रेन चार मिलियन से ज्यादा ड्रोन बनाने की योजना पर है.