Tahawwur Rana extradition: 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में राणा की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा है कि अगर मुझे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो मुझे वहां प्रताड़ित किया जाएगा.
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Tahawwur Rana extradition: 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए नई चाल चली है. उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. गुरुवार को उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर आपातकालीन रोक (इमरजेंसी स्टे) की मांग की. राणा ने भारत में 'यातना' (टॉर्चर) मिलने का दावा करते हुए कहा कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया गया, तो वह जिंदा नहीं रहेगा.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में राणा की तरफ से दायर की गई याचिका में राणा ने कहा है कि अगर मुझे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो मुझे वहां प्रताड़ित किया जाएगा, इसलिए मैं ज्यादा सर्वाइव नहीं कर पाऊंगा. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि पाकिस्तान मूल का मुस्लिम होने की वजह से उसे भारत में बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया जाएगा.
अमेरिकी अदालतों में पहले ही हार चुका है राणा
इससे पहले, 21 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी. इससे पहले एक निचली अदालत भी राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे चुकी है. वहीं, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भी उसके प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी थी.
कौन है तहव्वुर राणा?
राणा कनाडा का नागरिक है, लेकिन उसकी जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं. भारत सरकार उसे 2008 के मुंबई हमले में शामिल होने के कारण प्रत्यर्पित करना चाहती है. इस हमले में 174 लोगों की मौत हुई थी. राणा पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली (जिसका असली नाम दाऊद गिलानी था) की मदद की थी. हेडली अमेरिकी नागरिक था और उसके पिता पाकिस्तानी थे. अमेरिकी एजेंसियों ने उसे अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार किया था.
राणा हेडली के लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संबंधों को जानता था और उसने उसे फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे. इनकी मदद से हेडली भारत आया और मुंबई हमले के लिए संभावित ठिकानों की रेकी की. यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था.
क्या होगा आगे?
अगर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट राणा की अपील खारिज कर देता है, तो उसे जल्द ही भारत भेजा जा सकता है. भारत में उस पर आतंकवाद से जुड़े गंभीर मामले दर्ज हैं और उसे कड़ी सजा मिल सकती है.