खबर जहानाबाद से है, जहां काको प्रखंड के सैदाबाद पंचायत के टीमलपुर गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी साधुशरण सिंह का 101 वर्ष की उम्र में घर पर ही निधन हो गया. निधन की सूचना मिलते ही गांव सहित पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई.
वहीं, खबर पाकर सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव, घोसी विधायक रामबली यादव, डीएम अलंकृता पांडेय, एसपी अरविंद प्रताप सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों का अमला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पैतृक गांव पहुंच गया. वहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई और अंतिम संस्कार किया गया. सभी अधिकारियों ने शोकाकुल परिजनों को सांत्वना दी.
बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. क्षेत्रवासियों ने इसे एक युग का अंत बताया है. साधुशरण बाबू ने देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी. उनका निधन पूरे इलाके के लिए अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है.
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी वे समाज निर्माण में सक्रिय रहे. वे 30 वर्षों तक पंचायत के मुखिया पद पर रहे. स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए आजादी की 25वीं वर्षगांठ पर सन् 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया था.
इस मौके पर घोसी विधायक रामबली यादव ने कहा कि साधुशरण सिंह जैसे लोग समाज की अमूल्य धरोहर होते हैं. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ समाज के पुनर्निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई. साथ ही उन्होंने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि देश और बिहार ऐसे लोगों के हाथों में चला गया है, जिनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा. एक उंगली तक नहीं कटी और ऐसे लोग एक-एक कर संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रहे हैं. इसके लिए साधुशरण बाबू को जरूर अफसोस रहेगा.
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