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Bihar Flood: बारिश...बाढ़ और बेबसी, देखिए पानी से कैसे तबाह हुआ कटिहार

बारिश का मौसम आते ही बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ आ जाता है. बाढ़ से यहां के लोगों का जीवन 'नर्क' बन जाता है. स्थानीय लोग पलायन को मजबूर हो जाते हैं. वहीं, कटिहार में भी बारिश की वजह से बाढ़ से हाहाकर मच गया है.

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बारिश का मौसम आते ही बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ आ जाता है. बाढ़ से यहां के लोगों का जीवन 'नर्क' बन जाता है. स्थानीय लोग पलायन को मजबूर हो जाते हैं. वहीं, कटिहार में भी बारिश की वजह से बाढ़ से हाहाकर मच गया है. जिले के कई गांवों में पानी भर गया है, घरों में पानी घुसने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

कटिहार जिला बाढ़ से बेहाल

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कटिहार जिला बाढ़ से बेहाल

कटिहार जिला के गंगा-कोसी भूभाग पर बसे कुरसेला प्रखंड में गंगा और कोसी नदी में बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ता जा रहा है. जिससे कुरसेला प्रखंड मे बाढ़ का खतरा मडराने लगा है. बाढ़ का पानी निचले इलाके और गांव में भी पानी फैल रहा है. तटीय क्षेत्रों के गांवों में बाढ़ संकट को लेकर ग्रामीण लोग बाढ़ का पानी आने से सहमे हुए है. वहीं, पत्थर टोला, बाघमारा गांव जाने वाली सड़क पर पानी चढ़ जाने से आवागमन बाधित हुआ है. 

बाढ़ ने लोगों को बेबस कर दिया

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बाढ़ ने लोगों को बेबस कर दिया

बता दें कि पिछले तीन दिनों से कोसी की जलस्तर में बढ़ोतरी देखी जा रही है. नेपाल में लगातार हो रहे बारिश से भी इसका असर देखने को मिल रहा है. वहीं, गुरुवार के शाम तक पानी डेंजर लेवल 30.98 सेंटीमीटर देखा गया है. लगातार कोसी में पानी का बढ़ता प्रभाव देखा जा रहा है. 

तीनघरिया गांव में हाहाकार

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तीनघरिया गांव में हाहाकार

दरअसल, पिछले दिनों में तीनघरिया गांव, गंगा किनारे बजरंगबली का मंदिर भी पानी में समा गया. बाघमारा गांव जाने मे शिक्षक-शिक्षिका और ग्रामीणों को आवागमन का एक नाव ही सहारा बचा है. स्थानीय लोगों के घरों में पानी घुस गया है. लोगों का खाना बनाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है.

हर जगह बस पानी ही पानी

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हर जगह बस पानी ही पानी

प्रखंड क्षेत्र के गांव के आस-पास बाढ़ के पानी का फैलाव तेजी से हो रहा है. नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी से निचले भूभाग में लगे मक्का, पाट, धान समेत खरीफ फसलों को बाढ़ ने डुबों दिया है. हर जगह बस पानी ही पानी नजर आ रहा है. लोग बेबस हो गए हैं.

बांध पर शरण लेना शुरू

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बांध पर शरण लेना शुरू

पशुपालकों ने बताया कि बाढ़ के पानी में बड़े भू-भाग डूब जाने से पशुचारा का अभाव पड़ रहा है. जिससे पशुपालक ऊंचे स्थान सड़क, बांध पर शरण लेना शुरू करने की ओर अग्रसर है. इसी प्रकार अगर जलस्तर का बढ़ना जारी रहा तो प्रखंड क्षेत्र के गांव और घरों में बाढ़ के चपेट में जल्द ही आ जाएगा. 

बाढ़ का सामना

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बाढ़ का सामना

वहीं, मलनिया, मिर्जापुर गांव के निचले इलाके के लगभग दर्जनों घरों और बासा में भी पानी देखा जा रहा है. बाढ़ का असर शिक्षा विभाग पर भी देखा जा रहा है. मैहर टोला, पत्थर टोला, गुमटी टोला, बाघमारा गांव, समेत चार गांव का स्कूल प्रभावित हुआ है.

बाढ़ के पानी से मंदिर भी डूबा

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बाढ़ के पानी से मंदिर भी डूबा

कुरसेला प्रखंड क्षेत्र के मैहर टोला, गुमटी टोला, बाघमारा गांव, पत्थर टोला समेत चार गांव का स्कूल प्रभावित हुआ है. जिसमें पठन-पाठन पर भी असर पड़ा है. तत्काल स्कूल को दूसरे जगह शिफ्ट किया गया है.

अंचलाधिकारी बाढ़ से ग्रसित क्षेत्र का दौरा किया

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अंचलाधिकारी बाढ़ से ग्रसित क्षेत्र का दौरा किया

अंचलाधिकारी अनुपम की तरफ से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए गांव, क्षेत्र का निरीक्षण और निगरानी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन हाई अलर्ट पर मोड पर है. 

सभी जगह पर नाव चलवाया जा रहा

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सभी जगह पर नाव चलवाया जा रहा

उन्होंने बताया कि आवश्यकतानुसार सभी जगह पर नाव चलवाया जा रहा है. जहां-जहां जरूरत होगी वहां सभी जगह समुचित व्यवस्था कराया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी लगातार शिविर लगाया जा रहा है.

रिपोर्ट: रंजन कुमार

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