पूर्णिया के जूट-बनाना क्लस्टर में महिलाएं जूट, संठी और केला के रेशा से आकर्षक राखी बना रही हैं. खास बात यह है कि ये बहनें सीमा पर मौजूद देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को यह राखियां भेजेंगे. पूर्णिया के राष्ट्रीय स्तर के कलाकार गुल्लू दा खुद इन महिलाओं को तरह-तरह की राखियों के साथ जूट, केला और जूट की संठी से राखी के साथ-साथ कई तरह के आकर्षण सामान बनाना सीख रहे हैं.
गुल्लू दा कहते हैं कि यहां पर करीब 35 महिलाएं काम करती हैं. उन्हें वह ट्रेनिंग के साथ-साथ रोजगार भी दे रहे हैं. शुरुआती दौर में ट्रेनिंग के समय 3000 रुपए और बाद में 8000 से 15000 रुपए महीना तक इन महिलाओं को दिया जाता है.
यहां पर महिलाएं कागज की लुगदी से कई तरह के आकर्षण खिलौने, हैंडीक्राफ्ट बना रहे हैं . इसके अलावा जूट के समान, केला के रेशा और जूट के संठी से तरह-तरह के आकर्षण सामान बना रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े लोगों को अपने हाथों से बने हैंडीक्राफ्ट का उपहार दिया है. उन्होंने कहा कि इस क्लस्टर में महिलाओं को सीखने के साथ-साथ रोजगार भी मिल रहा है.
महिलाओं ने कहा कि अभी रक्षाबंधन का त्योहार आ रहा है. वे लोग बॉर्डर पर तैनात अपने सैनिक भाइयों को 3000 राखी भेजेंगे. इसके अलावा वे लोग कई तरह के समान बना रहे हैं . पहले वे लोग घर में बैठे रहते थे. कोई आमदनी नहीं थी, लेकिन यहां आने के बाद अब वह अच्छी आमदनी भी कमा रहे हैं और कई चीज बनाना भी सीख रहे हैं.
रिपोर्ट: मनोज कुमार
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