Bihar Voter List Verification: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है. इस काम में 98 हजार से अधिक बीएलओ, 1 लाख से ज्यादा स्वयंसेवक और 1.5 लाख बूथ लेवल एजेंट लगाए गए हैं. आयोग वोटर की पात्रता की जांच कर रहा है और फॉर्म घर-घर पहुंचाए जा रहे हैं.
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Bihar Voter List Verification: बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राज्यभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) शुरू कर दिया है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य हर मतदाता की पात्रता की दोबारा पुष्टि करना है, ताकि मतदाता सूची साफ और निष्पक्ष हो सके. इस काम में राजनीतिक दलों, जिला प्रशासन और हजारों कर्मचारियों को जोड़ा गया है.
चुनाव आयोग ने इस काम को मजबूती देने के लिए बूथ स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी है. पहले से मौजूद 77,895 बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) के अलावा अब 20,603 नए बीएलओ को और तैनात किया गया है. ये बीएलओ हर घर तक पहुंचकर लोगों को फॉर्म भरने में मदद कर रहे हैं.
इस अभियान में 1 लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों को भी लगाया गया है, जो बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमार और कमजोर वर्ग के मतदाताओं को फॉर्म भरने, पहचान पत्र की पुष्टि और सूची में नाम की जांच में मदद कर रहे हैं. यह कदम चुनाव में समावेशिता बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों ने भी इस प्रक्रिया में 1,54,977 बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त किए हैं. इन्हें जरूरत पड़ने पर और बढ़ाया भी जा सकता है. ये एजेंट मतदाता सत्यापन के काम में निगरानी और फीडबैक देने का कार्य करेंगे.
बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में 7.89 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं के लिए गणना फॉर्म (EF) घर-घर जाकर वितरित किए जा रहे हैं. इसके अलावा यह फॉर्म ऑनलाइन भी उपलब्ध है. जो लोग पहले से पंजीकृत हैं (करीब 4.96 करोड़ मतदाता) उन्हें सिर्फ अपनी जानकारी की पुष्टि करनी है.
चुनाव आयोग ने 5.74 करोड़ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों पर एसएमएस भेजकर मतदाताओं को इस अभियान के बारे में जागरूक किया है. इससे लोगों को खुद से भी फॉर्म भरने और जानकारी जांचने का मौका मिलेगा. सभी जिलों में जिला मजिस्ट्रेट और संभागीय आयुक्त इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं. बीएलओ की नियुक्ति और कामकाज पर सीधा नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो.
जहां एक ओर चुनाव आयोग यह दावा कर रहा है कि यह अब तक का सबसे बड़ा और पारदर्शी मतदाता सत्यापन अभियान है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे लेकर सवाल भी उठाए हैं. कांग्रेस और सीपीआई जैसे दलों ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और सूची में गड़बड़ी की जा रही है.
इनपुट- आईएएनएस
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