Bihar Voter List Special Intensive Revision: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग और विपक्षी महागठबंधन आमने सामने हैं. महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और एक ही दिन में 3 दिशानिर्देश जारी कर रहा है.
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Bihar Voter List Special Intensive Revision: '5 जुलाई को महागठबंधन ने संयुक्त रूप से चुनाव आयोग से एक डेलीगेशन मिला था, लेकिन अब तक न तो आयोग की ओर से कोई जवाब आया और न ही कोई स्पष्टीकरण दिया गया. एक ही दिन में आयोग तीन अलग-अलग दिशा-निर्देश जारी कर रहा है. क्या ये जनता की भलाई के लिए है या कोई सुनियोजित रणनीति?' महागठबंधन की ओर से सोमवार को आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राजद नेता तेजस्वी यादव ने ये सवाल उठाए. प्रेस कांफ्रेंस में राजद से तेजस्वी यादव के अलावा संजय यादव, प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, बिहार कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी मौजूद रहे.
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इस मौके पर तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने विज्ञापनों और आदेशों में विरोधाभास पैदा कर रहा है. 6 जुलाई को आयोग ने पहले फेसबुक पर पोस्ट किया कि दस्तावेज बाद में भी दिए जा सकते हैं और ठीक एक घंटे बाद दूसरी पोस्ट में कहा गया कि दस्तावेज़ 25 जुलाई तक ही जमा करने होंगे. इससे लाखों मतदाताओं में भारी भ्रम की स्थिति बन गई है.
तेजस्वी ने यह भी पूछा कि जब फॉर्म-6 में अभी भी आधार कार्ड शामिल है, तो बिहार में उसे एक्सक्लूड क्यों किया गया? क्या आधार कार्ड बाकी राज्यों में मान्य है और सिर्फ बिहार में नहीं? आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव ने निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि अगर चुनाव आयोग का फैसला सही है तो वह केवल सोशल मीडिया पोस्ट क्यों कर रहा है. आधिकारिक आदेश क्यों नहीं जारी कर रहा?
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि बाहर काम कर रहे बिहार के लोगों को लेकर आयोग के पास कोई योजना नहीं है. क्या उनका नाम वोटर लिस्ट से काटना ही एकमात्र रास्ता है? तेजस्वी यादव ने मांग की कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को तुरंत रोक दे और इसे चुनाव के बाद शुरू किया जाए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा और जनता का विश्वास बना रहे. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने तेजस्वी की बातों का समर्थन करते हुए कहा, चुनाव आयोग पूरी तरह कंफ्यूज है. वह किसी दबाव में निष्पक्ष निर्णय नहीं ले पा रहा है. उन्होंने पूछा कि जब 25 जनवरी 2025 को मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका था, तो अब उसे क्यों नकारा जा रहा है? उन्होंने आयोग की नीयत पर सवाल उठाते हुए यह दावा किया कि यह सब सत्ता पक्ष के दबाव में हो रहा है.
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राजेश राम ने ऐलान किया कि 9 जुलाई को महागठबंधन के सभी घटक दल पूरे बिहार में 'चक्का जाम' करेंगे, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे. यह विरोध मार्च गोलंबर से शुरू होकर आरके ब्लॉक होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा.
अंत में महागठबंधन ने मांग की कि चुनाव आयोग अब तक हुए सत्यापन का डेटा सार्वजनिक करे और स्पष्ट आदेश जारी करे, ताकि मतदाता भ्रमित न हों
रिपोर्ट: आत्मजा, पटना
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