Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मची रार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अपनी छवि बचाने की चुनौती है. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह इसी सिलसिले में पार्टी का पक्ष रखने के लिए मंगलवार को अमित शाह से मिले.
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Waqf Board Amendment Bill: वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तनातनी को लेकर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इस दौरान जेडीयू के दोनों नेताओं ने अमित शाह के सामने पार्टी के स्टैंड को साफ किया और अपनी आपत्तियां जताईं. 2 अप्रैल, 2025 को मोदी सरकार लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश करने जा रही है, जिसके बाद सरगर्मी काफी बढ़ गई है. बिहार में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.
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ललन सिंह ने इससे पहले कहा था, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विपक्ष के किसी नेता के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. विपक्ष अपने गिरेबां में झांककर बताए कि उसने मुसलमानों के लिए क्या है. ललन सिंह ने कहा कि मुसलमानों के लिए जितना काम नीतीश कुमार की सरकार ने किया, उतना किसी दल के शासन में काम नहीं हुआ. नीतीश कुमार जी ने दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाया. कांग्रेस और विपक्ष की धर्मनिरपेक्षता की राजनीति वोटबैंक की पॉलिटिक्स भर है. लोकसभा का इंतजार कीजिए, वहीं पर हम अपनी पार्टी का स्टैंड क्लीयर करने वाले हैं.
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा, 19 साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने मुसलमानों के लिए बहुत काम किया है. मुसलमानों के हित के लिए अगर सबसे ज्यादा किसी ने काम किया है तो वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं. संजय झा ने कहा कि मुसलमानों के साथ कभी गलत नहीं होने दिया गया है और न आगे होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जो भूतकाल में हो गया उसे छेड़ा नहीं जाना चाहिए और रेट्रोस्पेक्टिव फॉर्मूला नहीं होना चाहिए.
भाजपा सांसद और लोकसभा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा, "1911 में जिन्ना साहब मुस्लिम वक्फ एक्ट लेकर आए...जब भी चुनाव होते थे, कांग्रेस मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के लिए मुसलमानों को गुमराह करती थी. अब तक JPC की 60 बैठकें हो चुकी हैं. एक बैठक में TMC के कल्याण बनर्जी ने जगदंबिका पाल जी को बोतल से मारने की कोशिश की. आज बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में स्पीकर ने कहा कि हम सदन को 8 घंटे चला सकते हैं और फिर तय करेंगे कि हमें समय बढ़ाना है या नहीं, लेकिन विपक्ष इसका बहिष्कार करने के इरादे से आया था. वक्फ संशोधन विधेयक एक अच्छा विधेयक है और इसे (संसद में) पारित किया जाना चाहिए..."
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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "अगर सदन को लगता है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए, तो समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर वे (विपक्ष) कोई बहाना बनाकर चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते हैं, तो मैं इसे रोक नहीं सकता. हम चर्चा चाहते हैं. हर राजनीतिक दल को अपनी बात रखने का अधिकार है और देश सुनना चाहता है कि संशोधन विधेयक पर किस राजनीतिक दल का क्या रुख है. यह बात हजारों साल तक दर्ज रहेगी, यह बात रिकॉर्ड में रहेगी कि किसने संशोधन विधेयक का विरोध किया और किसने समर्थन किया. 2 अप्रैल को प्रश्नकाल के तुरंत बाद मैं संशोधन विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश करना चाहता हूं, उसके बाद हम 8 घंटे की चर्चा के लिए सहमत हुए हैं..."