'भारत में बंधक हैं...', असदुद्दीन ओवैसी का रिजिजू पर निशाना, कहा- आप मंत्री हैं, राजा नहीं
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'भारत में बंधक हैं...', असदुद्दीन ओवैसी का रिजिजू पर निशाना, कहा- आप मंत्री हैं, राजा नहीं

Asaduddin Owais News: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में कहा था कि भारत इकलौता ऐसा देश है, जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलती है. अब इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री पर हमला बोला है.

'भारत में  बंधक हैं...', असदुद्दीन ओवैसी का रिजिजू पर निशाना, कहा- आप मंत्री हैं, राजा नहीं

Asaduddin Owaisi On Kiren Rijiju Statement On Minority: एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर तीखा हमला बोला. ओवैसी की यह प्रतिक्रिया रिजिजू के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत इकलौता ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलती है.

ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि रिजिजू  भारतीय मुसलमानों असलियत को नहीं दिखा रहे हैं. वो भारत के मुसलमानों की मौजूदा सूरते हाल को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने रिजिजू को याद दिलाया कि एक मंत्री के तौर पर उनका ड्यूटी संविधान के मुताबिक काम करना है. लोकसभा सदस्य ओवैसी ने लिखा कि 'अगर मुसलमानों को इतनी सुविधाएं मिल रही होतीं, तो वे देश में सबसे गरीब, सबसे कम पढ़े-लिखे और सबसे ज्यादा भेदभाव के शिकार क्यों होते?' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को केवल बयानबाज़ी की बजाय ज़मीनी सच्चाई को देखना चाहिए.'

'अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं'

ओवैसी ने दावा किया कि रिजिजू संवैधानिक पद पर बैठे शख्स की बजाय शासक की तरह बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आप भारत के मंत्री हैं, राजा नहीं. किरण रिजिजू, आप संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं. अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, दान नहीं.' उन्होंने मुसलमानों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा की तरफ इशारा करते हुए रिजिजू के 'लाभ' के विचार पर सवाल उठाया. ओवैसी ने सवाल किया, 'क्या हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना 'लाभ' है? क्या लिंच किए जाने से 'सुरक्षा' मिलती है? क्या यह सुरक्षा है कि भारतीय नागरिकों का अगवा करके उन्हें बांग्लादेश में धकेल दिया गया?'

हैदराबाद के सांसद ने मुस्लिम संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने लिखा कि, 'क्या यह देखना विशेषाधिकार है कि हमारे घरों, मस्जिदों और मजारों को अवैध रूप से बुलडोजर से गिराया जा रहा है? सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाना?'

'हम अब बंधक हैं'

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि टॉप लीडरों द्वारा नफरत भरे भाषण दिए जा रहे हैं.  ओवैसी ने कहा, 'क्या भारत के प्रधानमंत्री से कम किसी और के नफरत भरे भाषण का निशाना बनना 'सम्मान' है?' ओवैसी ने दावा किया कि भारत में मुसलमानों के साथ अब नागरिकों के रूप में समान व्यवहार नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा, 'भारत के अल्पसंख्यक अब दूसरे दर्जे के नागरिक भी नहीं हैं. हम बंधक हैं.'

वक्फ कानून पर रिजिजू से ओवैसी के सवाल?

ओवैसी ने आरोप लगाया कि रिजिजू को यह जवाब देना चाहिए कि बोर्ड की सदस्यता में धार्मिक समानता क्यों नहीं है. ओवैसी ने कहा, 'अगर आप 'एहसान' के बारे में बात करना चाहते हैं, तो इसका जवाब दें. क्या मुसलमान हिंदू बंदोबस्ती बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं? नहीं. लेकिन आपका वक्फ संशोधन अधिनियम गैर-मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने के लिए मजबूर करता है - और उन्हें बहुमत बनाने की अनुमति देता है.

'मुसलमानों की हायर एजुकेशन में तादाद घटी'

एआईएमआईएम नेता ने सरकार पर मुस्लिम छात्रों के लिए प्रमुख छात्रवृत्तियों में कटौती करने का आरोप लगाया. उन्होंने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को पीछे छोड़ा जा रहा है. उन्होंने लिखा, 'आपने मौलाना आज़ाद नेशनल फ़ेलोशिप बंद कर दी. आपने प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप बंद कर दी. आपने पोस्ट-मैट्रिक और मेरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति को सीमित कर दिया. यह सब इसलिए क्योंकि इनसे मुस्लिम तालिबे इल्म ( Students ) को फ़ायदा हुआ.' ओवैसी ने कहा, 'मुस्लिम अब एकमात्र समूह हैं जिनकी तादाद उच्च शिक्षा में घटी है. जबकि Informal economy में उनकी उपस्थिति बढ़ गई है. आपकी आर्थिक नीतियों से वे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. यह आपकी अपनी सरकार का डेटा है.'

'मुसलमानों की स्थिति पहले से बदतर'

इसके अलावा, ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम परिवारों में पीढ़ियों के दौरान प्रोग्रेस में गिरावट देखी जा रही है. उन्होंने कहा, 'भारतीय मुसलमान एकमात्र हैं जिनके बच्चे अब अपने माता-पिता या दादा-दादी से भी बदतर स्थिति में हैं. अंतर-पीढ़ीगत गतिशीलता उलट हो गई है. मुस्लिम बहुल क्षेत्र सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और बुनियादी सेवाओं से सबसे अधिक वंचित हैं.' उन्होंने आगे कहा कि भारत में अल्पसंख्यक केवल संविधान द्वारा दिए गए इंसाफ की मांग कर रहे हैं. 'हम अन्य देशों के अल्पसंख्यकों के साथ तुलना करने की मांग नहीं कर रहे हैं. हम बहुसंख्यक समुदाय को मिलने वाली राशि से ज्यादा की मांग नहीं कर रहे हैं. हम संविधान द्वारा दिए गए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की मांग कर रहे हैं.'

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मोहम्मद अमजद शोएब

मोहम्मद अमजद शोएब पूर्णिया से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे. जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. अमजद को क्रिकेट से बेइंतहा मोहब्बत है. स्पोर्ट्स उनकी ज़िन्दगी है. इसी अटूट रिश्ते ने उन्हें पत्र...और पढ़ें

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