Guna News-गुना के देवा पारदी के केस में सीबीआई ने राघौगढ़ टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया है. मंगलवार सुबह से ही टीम गुना में डेरा डाले हुए थी. देर रात टीआई जुबेर खान को लेकर इंदौर रवाना हो गई, केस से संबंधित क्या आरोप है इसका खुलासा नहीं हो पाया है.
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Guna Custodial Death-मध्यप्रदेश के गुना के चर्चित देवा पारदी की पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में सीबीआई ने राघौगढ़ टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया है. लेकिन सीबीआई ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है. मंगलवार को सुबह से ही सीबीआई की टीम गुना में डेरा डाले हुई थी, देर रात टीआई को लेकर इंदौर रवाना हो गई. इस मामले में जुबेर खान पर क्या आरोप है, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है.
टीआई जुबेर खान का नाम अब तक किसी भी रूप में देवा पारदी की मतौत के मामले में सामने नहीं आया था.
पहले जानिए पूरा मामला
यह मामला 15 जुलाई 2024 का है. बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी की बारात 15 जुलाई हो शहर के गोकुल सिंह चक्क के लिए निकलने वाली थी. शाम के करीब 4:30 बजे म्याना पुलिस गांव पहुंची. जहां देवा और उसके चाचा गंगाराम को बारात में जाने वाले ट्रैक्टर के साथ थाने लेकर पहुंची. पुलिस का कहना था कि चोरी केस में पूछताछ और बरामदगी करनी है. अगली शाम परिजनों को सूचना मिली की जिला अस्पताल में एक पारदी युवक की लाश पोस्टमार्टम रूम में है. वहां पहुंचने पर देवी पारदी की मौत की जानकारी परिजनों को मिली.
टीआई जुबेर खान को लिया हिरासत में
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि 13 अगस्त मंगलवार को सीबीआई की टीम गुना पहुंची. जहां टीम ने पहले टीआई जुबेर खान से पूछताछ की. इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. रात करीब 9 बजे जुबेर खान का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया. इसके बाद सीबीआई टीम इंदौर लेकर रवाना हो गए. सीबीआई ने किस आधार पर टीआई जुबेर खान को आरोपी बनाया और हिरासत में लिया है यह स्पष्ट नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था केस
इस मामले में देवा की मां ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. मई 2025 में कोर्ट ने इस केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था और एक महीने में आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. इसी आदेश पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने एक महीने पहले एसआई देवराज परिहार को हिरासत में लिया था.
90 दिन में चार्जशीट पेश करने के आदेश
इस मामले में 15 मई को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन दो पुलिस अफसरों की भूमिका संदिग्ध है, उन्हें सिर्फ लाइन अटैच क्यों किया गया, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांचु शुरू की जाए. साथ ही सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को एक महीने में गिरफ्तार किया जाए और 90 दिन में चार्जशीट पेश की जाए.
इन पर लगा था आरोप
देवा पारदी की मौत का आरोप म्याना थाने के तत्कालीन टीआई संजीत मावई, उप निरीक्षक देवराज सिंह परिहार, एएसआई उत्तम सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर कस्टोडियल डेथ और अत्याचार के आरोप लगे हैं. इस मामले में पहली गिरफ्तारी 3 जुलाई को हुई थी. अब टीआई को हिरासत में लिया गया है.
सोर्स-दैनिक भास्कर
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