Indore Metro Project: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के दिल में मेट्रो के अंडरग्राउंड ट्रैक की खुदाई के साथ एक नई उम्मीद जग रही है, लेकिन पेड़ों की कटाई से हरियाली को बड़ा झटका भी लग रहा है. इस बीच, ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान पर्यावरण और भावनाओं को जोड़ते हुए बच्चों के माध्यम से एक नई हरी-भरी सुबह का संदेश दे रहा है, जो विकास और प्रकृति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है.
मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए करीब 8.6 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड ट्रैक की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस रूट पर कुल 7 स्टेशन बनेंगे और इसके लिए गुजरात की एक कंपनी ने कार्य प्रारंभ कर दिया है. एयरपोर्ट के सामने अंडरग्राउंड स्टेशन बनने की प्रक्रिया में साइट क्लियर की जा रही है, जहां 100 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे. इनमें से कुछ पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा. एयरपोर्ट के सामने वाली रोड से सटी जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी की है, जिसे अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है.
इस अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट का ठेका हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और टाटा कंपनी ने संयुक्त रूप से लगभग 2190 करोड़ रुपये में प्राप्त किया है. इन कंपनियों के करीब 50 कर्मचारी और इंजीनियर साइट पर आ चुके हैं और उन्होंने अपना ऑफिस भी स्थापित कर लिया है. एयरपोर्ट के सामने डायवर्जन के शेड लगाकर सड़क किनारे की मिट्टी को समतल किया जा रहा है, जहां स्टेशन का निर्माण होगा. कंपनी वर्तमान में दिल्ली मेट्रो के अंडरग्राउंड प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है और वहां से टनल बोरिंग मशीनें 3-4 महीने में यहां लाई जाएंगी.
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, अंडरग्राउंड ट्रैक का निर्माण एक लंबी प्रक्रिया है और इसमें काफी समय लगेगा. हालांकि, एयरपोर्ट के सामने स्टेशन को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि उज्जैन रूट की ओर जाने वाले यात्रियों को सीधे एयरपोर्ट से अंडरग्राउंड स्टेशन तक पहुंचाया जा सके. साथ ही, एयरपोर्ट तक एक अंडरग्राउंड पाथ वे बनने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं, जो यात्रियों की सुविधा को और बेहतर बनाएगा.
गुजरात की कंपनी के कर्मचारी प्रस्तावित अंडरग्राउंड स्टेशनों की संभावनाओं को लेकर अलग-अलग स्थानों पर मिट्टी परीक्षण कर रहे हैं. ये स्थान हैं. बीएसएफ के सामने, रामचंद्र नगर चौराहा और बड़ा गणपति क्षेत्र. यह मिट्टी परीक्षण लगभग दो महीने चलेगा, जिसके अंतर्गत विभिन्न स्थानों से मिट्टी और पत्थर के नमूने लिए जा रहे हैं और उन्हें प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जा रहा है.
मध्य प्रदेश सरकार ने इस मानसून सीजन में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जो 5 जून 2025 से प्रदेशभर के स्कूलों में शुरू होगा. इस पहल का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना और उन्हें सतत विकास की दिशा में भागीदार बनाना है. स्कूल शिक्षा विभाग ने इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. छात्रों की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में ईको क्लब सक्रिय भूमिका निभाएंगे.
इस अभियान के तहत 30 सितम्बर 2025 तक राज्यभर में 50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें प्रत्येक जिले में औसतन एक लाख पौधे लगाए जाएंगे. अभियान की विशेषता यह है कि प्रत्येक पौधे के साथ एक पट्टिका लगाई जाएगी, जिसमें छात्र और उसकी मां का नाम अंकित होगा, ताकि मां और बच्चे दोनों का भावनात्मक जुड़ाव पर्यावरण संरक्षण से स्थापित हो सके.
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