हैक हुआ FB पेज, तो IT कोर्ट ने दिलवाया एक्सेस, MP के पहले मामले में फेसबुक से मांगा 10 लाख रुपये हर्जाना
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हैक हुआ FB पेज, तो IT कोर्ट ने दिलवाया एक्सेस, MP के पहले मामले में फेसबुक से मांगा 10 लाख रुपये हर्जाना

FB Account Hack News: अनिल तिवारी का फेसबुक पेज, जिसमें 1 लाख 84 हजार फॉलोअर्स थे, दो साल पहले हैक हो गया था, लेकिन फेसबुक से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिला. बाद में उन्होंने आईटी कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने फेसबुक को नोटिस भेजा और मामले की सुनवाई शुरू की. अब फेसबुक से 10 लाख रुपये का हर्जाना मांग रहे हैं और मामले की सुनवाई जारी है.

 

MP के पहले मामले में फेसबुक से मांगा 10 लाख रुपये हर्जाना
MP के पहले मामले में फेसबुक से मांगा 10 लाख रुपये हर्जाना

Facebook Account Recover: सोशल मीडिया पर अकाउंट हैक होना और फॉलोअर्स कम होना अब कोई नई बात नहीं रही है. लेकिन जब बात किसी बड़े शख्सियत की हो, तो मामला और भी गंभीर हो जाता है. मध्य प्रदेश के सागर जिले में प्राइवेट यूनिवर्सिटी के संचालक अनिल तिवारी का फेसबुक पेज, जिसके 1 लाख 84 हजार फॉलोअर्स थे, दो साल पहले हैक हो गया था. तिवारी ने कई बार फेसबुक से मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. फिर उन्होंने कदम उठाया और आईटी कोर्ट में याचिका दायर की. अब कोर्ट ने इस मामले में दखल लिया है और फेसबुक को नोटिस भेजा है. इस मामले में फेसबुक पर जुर्माना कितनी राशि लगेगी, यह सवाल अब चर्चा का विषय बन चुका है और सुनवाई भी जारी है.

अनिल तिवारी ने बताया कि 2023 में उन्होंने बीजेपी से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा था. पार्टी ने टिकट देने के लिए कुछ खास क्राइटेरिया तय किए थे, जिनमें से एक सोशल मीडिया एक्टिविटी भी था. इस वजह से उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक्टिविटी बढ़ाई, जिसके परिणामस्वरूप उनके फेसबुक पेज पर 1 लाख 84 हजार फॉलोअर्स हो गए. हालांकि, टिकट उन्हें नहीं मिल सका.

मध्य प्रदेश का पहला मामला
जब 15 दिसंबर 2023 को जब तिवारी चिन्मयानंद बापू की कथा का लाइव प्रसारण करवा रहे थे, उनका फेसबुक पेज हैक कर लिया गया. अनिल तिवारी ने बताया कि पेज हैक होने के बाद वह कुछ भी पोस्ट नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने फेसबुक को कई बार शिकायत की, मेल भेजे, लेकिन एक साल तक किसी भी तरह का जवाब नहीं मिला. फिर उन्हें आईटी कोर्ट के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला किया. जब वह कोर्ट पहुंचे, तो यह मामला प्रदेश का पहला था. इस पर बहस हुई कि क्या ऐसा मामला आईटी कोर्ट के तहत आता भी है या नहीं.

FB ने पेज का एक्सेस दिया
साइबर लॉ एक्सपर्ट के मुताबिक, इस मामले में आईटी एक्ट की धारा 66 और 72A के तहत तिवारी के पेज को हैक करने को अपराध माना गया है. इस वजह से यह मामला आईटी कोर्ट के अधीन आता है. कोर्ट ने केस की मंजूरी दी और फेसबुक को नोटिस जारी किया. फेसबुक की तरफ से जब वकील कोर्ट में आए, तो उनके पास कोई ठोस तर्क नहीं था और बाद में उन्होंने अनिल तिवारी के पेज का एक्सेस वापस कर दिया. लेकिन अभी तक केस खत्म नहीं हुआ है. प्रोफेसर तिवारी के पास डेढ़ साल तक अपनी डिजिटल प्रॉपर्टी का अधिकार नहीं था. इसका उनके सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन पर गहरा असर पड़ा. पेज का एक्सेस वापस पाने के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. उन्होंने फेसबुक से 10 लाख का हर्जाना मांगा है और इस पर सुनवाई जारी है.

क्या कहते हैं साइबर लॉ ?
साइबर लॉ के तहत, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) 2000 की धारा 66, 66C, 66D और 72A में साइबर अपराधों को लेकर प्रावधान किए गए हैं. इन धाराओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का सोशल मीडिया अकाउंट हैक किया जाता है या उसकी जानकारी को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है, तो यह एक अपराध माना जाता है. ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति न्याय पाने के लिए आईटी कोर्ट का रुख कर सकता है. चोरी हुआ डेटा वापस हासिल कर सकते हैं.

अकाउंट हैक की घटना बढ़ी
सोशल मीडिया अकाउंट हैक होने की घटनाएं पिछले कुछ सालों में बढ़ी हैं और यह चिंता का विषय भी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में भारत में करीब 53 लाख सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुए थे और इस मामले में भारत दुनिया में पांचवे स्थान पर था. जब किसी का अकाउंट हैक होता है, तो ज्यादातर यूजर्स नया अकाउंट बना लेते हैं, लेकिन यह पूरी प्रक्रिया बहुत परेशान करने वाली होती है. साइबर सुरक्षा के एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे मामलों को हल करने के लिए आईटी कोर्ट में अपील की जा सकती है, जो खास तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े विवादों को सुनने और हल करने के लिए बनी है.

यहां कर सकते हैं शिकायत
आईटी एक्ट 2000 के तहत हर राज्य में एक आईटी कोर्ट या कोर्ट ऑफ एडज्युकेटिंग ऑफिसर की स्थापना की गई है. यह कोर्ट साइबर अपराध, डेटा चोरी, पेज हैक होने जैसी समस्याओं का निपटारा करता है. मध्यप्रदेश में वल्लभ भवन स्थित आईटी डिपार्टमेंट में यह कोर्ट काम करता है, जहां के जज प्रदेश के आईटी सेक्रेटरी होते हैं. साइबर धोखाधड़ी या किसी भी तकनीकी अपराध की शिकायत इस कोर्ट में की जा सकती है. कोर्ट यह तय करता है कि मामला सुनने लायक है या नहीं और अगर मामला स्वीकार हो जाता है तो दोनों पक्षों के तर्क सुनकर फैसला किया जाता है.

ऐसे करें IT कोर्ट में अपील
1. पहले सोशल मीडिया कंपनी से मदद मांगें.
2. अगर मदद नहीं मिली, तो IT कोर्ट में अपील करें.
3. अकाउंट बंद होने या डेटा खोने के सभी सबूत जमा करें.
4. कोर्ट में जाने से पहले IT कानून में एक्सपर्ट वकील से बात करें.
5. कोर्ट की तारीख पर जाएं और अपनी बात रखें.

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