Kishore Kumar Birthday: बॉलीवुड के महान गायक किशोर कुमार के 96 वें जन्मदिवस पर आज हम आपको बताने जा रहे है. किशोर कुमार की अनकही कहानी, आज खंडवा में किशोर दा का जन्मदिन गौरव दिवस के रूप में भव्यता के साथ मनाया जा रहा है. सुरो के सम्राट , इंडस्ट्री के मस्तमौला सिंगर कहे जाने वाले किशोर कुमार के बारे में कुछ दिलचस्प बातें, उनकी गृह नगरी खण्डवा से...देखें इस खास रिपोर्ट में...
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Kishore Kumar Birthday Celebration Khandwa: आज बॉलीवुड के महान गायक किशोर कुमार का 96वां जन्मदिन है. गायकी के साथ किशोर कुमार एक संगीतकार, एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर भी थे. आज जन्मदिन पर किशोर दा को उनका हर प्रशंसक याद कर रहा है. बड़ी संख्या में किशोर प्रेमी उनकी समाधि पर दूध जलेबी का भोग लगाकर उनके गीत गाकर उन्हें याद कर रहे है. वहीं मध्य प्रदेश सरकार भी आज किशोर कुमार के जन्मदिवस को गौरव दिवस के रूप में मना रही है.
किशोर दा का असली नाम
किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में रहने वाले बंगाली परिवार में हुआ था. किशोर अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. किशोर कुमार का असली नाम ''आभास कुमार गांगुली'' था. खंडवा में शुरूआती पढ़ाई करने के बाद किशोर कुमार ने अपने कॉलेज की पढ़ाई इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में की. किशोर कुमार ने कॉलेज की कई यादों को अपने गानों में सहेजा है. फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ का गीत ‘पांच रुपए बारह आना’ भी किशोर की कॉलेज यादों से ही जुड़ा है. कॉलेज में किशोर पर कैंटीन वाले के 5 रुपए 12 आने उधार थे. किशोर कुमार ने अपने गाने में भी यही रकम शामिल की.
किशोर कुमार का पुस्तैनी मकान जर्जर हालत में है. जिसको सहेजने के लिए किशोर कुमार के चाहने वाले मांग कर रहे हैं. उनके इस मकान में पिछले 45 वर्षों से चौकदारी करने वाले सीता राम बताते हैं कि उनकी दुखद निधन के पहले उन्होंने खंडवा में बसने की इच्छा जाहिर की थी. किशोर कुमार को चाहने वाले उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर रहे है. उनके पैतृक घर को सहेजने की मांग वर्षो से चली आ रही है.
किशोर कुमार का करियर
किशोर कुमार के फिल्मी करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में वर्ष 1946 में फिल्म ''शिकारी'' से हुई. किशोर कुमार की आवाज राजेश खन्ना पर बेहद जमती थी. राजेश खन्ना फिल्म निर्माताओं से किशोर से ही अपने लिए गीत गंवाने की गुजारिश किया करते थे. आप भी सुनिए किशोर दा के सुपर हिट गीत जो उन्हें राजेश खन्ना के लिए गए थे...किशोर कुमार आज भले ही हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनकी मधुर आवाज देश के करोड़ों गीत प्रेमियों के दिलों पर राज करती है. आज भी उनके गाए हुए गीत लोगों के बीच काफी पॉपुलर हैं. किशोर दा ने जिस अभिनेता को अपनी आवाज दी वह सुपर स्टार बन गया,
अपने जमाने के सबसे महंगे गायक
किशोर कुमार ने भले ही सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया था. मगर उनके दिल के अंदर हमेशा एक किशोर बसता था. किशोर कुमार ने अपनी शानदार कॉमिक टाइमिंग से 50-60 के दशक में अपनी कॉमेडी से सबको खूब हंसायाय किशोर कुमार 1970 से 1987 के बीच सबसे महंगे गायक थे. किशोर कुमार ने अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, जीतेन्द्र जैसे बड़े-बड़े दिग्गज कलाकारों के लिए आवाज दी. किशोर कुमार कई बार विवादों का भी शिकार हुए. सन् 1975 में देश में लगाये गये आपातकाल के दौरान दिल्ली में एक सांस्कृतिक आयोजन में उन्हें गाने का न्यौता मिला. किशोर कुमार ने पारिश्रमिक मांगा तो आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गायन को प्रतिबंधित कर दिया गया. आपातकाल हटने के बाद पांच जनवरी 1977 को उनका पहला गाना बजा दुखी मन मेरे सुन मेरा कहना जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना.
8 फिल्मफेयर पुरस्कार
किशोर कुमार ने कई सम्मान प्राप्त किए ,उन्हें पद्म भूषण से भी उन्हें नवाजा गया. किशोर कुमार ने सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते, जो इस श्रेणी में एक रिकॉर्ड है। उनका पहला फिल्मफेयर पुरस्कार 1969 में फिल्म अराधना के गीत "रूप तेरा मस्ताना" के लिए मिला. 1985-86 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया. मध्य प्रदेश सरकार ने 1997 में उनके नाम पर राष्ट्रीय किशोर कुमार सम्मान शुरू किया, जो सिनेमा में निर्देशन, अभिनय, पटकथा लेखन और गीत लेखन के लिए दिया जाता है. यह सम्मान उनके योगदान को श्रद्धांजलि है.
दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में ही बस जाएंगे
सुनील जैन समाजसेवी ने बताया कि किशोर कुमार को अपनी जन्म भूमि से बेहद लगाव था. वह अपने दोस्तों को किशोर कुमार खंडवे वाले कुछ ऐसा ही परिचय देते थे अपने नाम का. किशोर कुमार को खण्डवा में लालाजी के वहां की दूध जलेबी बहुत पंसद थी. किशोर कुमार खण्डवा आते तो अपने दोस्तों के साथ लालाजी की दूध जलेबी खाने जरूर जाते. यही नही वह अक्सर मुंबई में भी अपने दोस्तों से कहते हैं दूध जलेबी खाएंगे खंडवा में ही बस जाएंगे.
जर्जर हालात में पुस्तैनी मकान
जलेबी दुकानदार बादल शर्मा ने बताया बॉलीवुड में एक ऐसा दौर भी आया जब किशोर कुमार यहाँ की चकाचौंध से दूर अपने गृह नगर खंडवा में बस जाना चाहते थे. वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने खंडवा लौट जायेंगे. लेकिन अब खंडवा में किशोर कुमार का वही पुश्तेनी मकान जिसमे में वह बस जाना चाहते थे, वह आज जर्जर हालत में है. घर के अंदर रखा सामान मानों आज भी किशोर दा की प्रतीक्षा कर रहा है. किशोर प्रेमी किशोर कुमार के पुष्तैनी घर को सरकार से स्मारक बनाने की मांग कर रहे है. किशोर प्रेमियों ने कहना कि उनके परिजन इस मकान को बेचना चाह रहे है सरकार खरीद कर इसे संगीत का मंदिर स्मारक बनाए.
रिपोर्ट- प्रमोद सिन्हा, जी मीडिया खंडवा
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