Panchkula Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला इलाके में प्रवीण मित्तल ने अपने मां-बाप, बच्चों और बीवी के साथ सामूहिक सुसाइड क्यों किया, क्या उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी भी न थी कि अपने बच्चों का पेट पाल सके. जानिए इनसाइड स्टोरी...
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Panchkula Suicise Case Inside Story: पंचकूला में प्रवीण मित्तल ने परिवार समेत सामूहिक आत्महत्या क्यों की, क्या उसकी हालत इतनी खराब थी कि वो बच्चों को रोटी-दाल तक तक का इंतजाम नहीं कर सकता था. ये सवाल 24 घंटे बाद भी लोगों के मन में कौंध रहा है. सामूहिक आत्महत्या की अब तक जो कहानी पता चली है, उसके मुताबिक प्रवीण मित्तल के पास एक वक्त खूब धन दौलत थी. परिवार ऐशोआराम की जिंदगी जी रहा था, उसके पास फैक्ट्री और फ्लैट थे, लेकिन किस्मत ने अचानक पलटा खाया और मुसीबत के वक्त अपनों ने भी बेरुखी दिखाई तो प्रवीण अंदर से पूरी तरह टूट गया. प्रवीण मित्तल एक वक्त एक बड़े कारोबारी थे. हिमाचल के बद्दी में उनकी फैक्ट्री थी, जहां सैकड़ों कर्मचारी काम करते थे. उनके पास करोड़ों रुपये के दो फ्लैट भी थे, लेकिन फिर बदनसीबी परिवार पर कहर बनकर टूटी.
सुसाइड नोट में मामा के बेटे का जिक्र
प्रवीण ने अपने मामा के बेटे संदीप का जिक्र सुसाइड नोट में करते हुए लिखा है कि वो उनका अंतिम संस्कार करेगा. संदीप ने बताया कि करीब 10-12 साल पहले प्रवीण की हिमाचल प्रदेश के बद्दी में एक फैक्ट्री थी. उनका टूर एंड ट्रेवल का कारोबार भी खूब फल फूल रहा था. उनके पास दो फ्लैट थे, लेकिन कर्ज बहुत बढ़ गया था. ये कर्ज करीब 15 से 20 करोड़ के आसपास था. बैंक ने प्रवीण की फैक्ट्री और फ्लैट, टूर ट्रेवल में चलने वाली गाड़ियां सभी कुछ कब्जे में ले लिया था.
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कर्ज से बैंकों का दबाव बढ़ा
प्रवीण पहले हिसार के पास बरवाला में रहता था, लेकिन कर्ज से बैंकों का दबाव बढ़ा तो रातोंरात परिवार के साथ उत्तराखंड चला गया. देहरादून के थाना कैंट क्षेत्र के इलाके में परिवार कई सालों तक रहा. फिर ससुर के कहने पर मोहाली की खरड़ इलाके में भी रहा. कुछ दिन अपने ससुर के मकान में भी रहा. वो बेहद गरीबी में जिंदगी जी रहे थे. माता-पिता बीमार रहते थे. उनके पास एक गाड़ी ही बची थी और वह भी कर्ज लेकर ली गई थी. मृतक प्रवीण मित्तल के परिचित गंभीर सिंह नेगी से पुलिस ने खुलासा किया है कि मृतक प्रवीण मित्तल एनजीओ चलाता था, लेकिन वो भी फेल रहा.
आलीशान मकान छोड़ गांव में रहने लगा परिवार
इसी गरीबी के कारण प्रवीण मित्तल ने पंचकूला के सकेतड़ी गांव में किराये पर मकान लिया, जिसका किराया महज 8 हजार था. कुछ वक्त पहले ही परिवार यहां रहने आया था. मकान मालिक मुनीष ने बताया कि एक मई को यह परिवार रहने आया था. प्रवीण मित्तल ने बताया था कि वह पहले पिंजौर में रहता था लेकिन बच्चे चंडीगढ़ में पढ़ते हैं, इसलिए वह यहां रहने आया है. उसका परिवार बहुत ही मिलनसार परिवार था. बच्चे भी बहुत अच्छे थे. हंसते खेलते परिवार को देखकर कभी नहीं लगा कि उन पर बड़ा संकट होगा और वो इतना बड़ा कदम उठा लेगा. मनीष ने बताया कि उनकी प्रवीण से सुबह ही फोन पर बात हुई थी तो उसने कहा था कि बच्चों की कुछ दिन की छुट्टियां हैं, इसलिए वह परिवार के साथ घूमने जा रहा है.
पंचकूला डीसीपी क्राइम अमित दहिया ने कहा कि मंगलवार रात 10:00 बजे हमें इस घटना की सूचना मिली.अभी तक की जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है. गाड़ी से दो सुसाइड नोट मिले हैं. उनका सोशल मीडिया अकाउंट चेक किया जा रहा है. सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग चेक की जाएगी. बैंक अकाउंट चेक किया जाएगा.
41 साल के प्रवीण मित्तल की पत्नी का नाम रीना गुप्ता (35) था. उनकी मां बिमला देवी और पिता देशराज मित्तल थे. उनके तीन बच्चे हार्दिक की उम्र 14 साल थी. जबकि ध्रुविका मित्तल 12 साल और डैलिसा 9 साल की थी. मनीमाजरा के श्मशान घाट में एक साथ मंगलवार को सभी का अंतिम संस्कार किया गया.
कार पर तौलिया लटकी थीं
पंचकूला के सेक्टर 27 में पुनीत राणा नाम के शख्स ने सबसे पहले रात 10 बजे के करीब प्रवीण की कार को देखा था. उनकी कार पर चारों ओर से तौलिया लटका हुआ था. कार में झांकने पर पीछे और आगे की सीट पर बेसुध हालत में लोग दिखाई दिए. सबने एक दूसरे पर उल्टियां की थीं. प्रवीण उस वक्त तक होश में थे, लेकिन उनकी हालत भी खराब थी. प्रवीण ने बताया कि पंचकूला में वो बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम से लौटे हैं.
Disclaimer: जीवन अमूल्य है. इसे जी भरकर जिएं. इसका सम्मान करें और हर पल का आनंद लें. किसी घटना के कारण मन व्यथित हों तो जीवन से हार मारने की जरूरत नहीं है. अच्छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. कभी किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्त हेल्पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें