Rajya Sabha News: आज राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही उच्च सदन में असहज स्थिति पैदा हो गई जब उपसभापति के पुकारने के बाद भी केंद्रीय मंत्री कहीं दिखे नहीं. वह सदन में थे ही नहीं. इस पर विपक्ष को मौका मिल गया. खरगे ने खड़े होकर नड्डा पर पलटवार किया.
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एक दिन पहले राज्यसभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने यह कहते हुए विपक्ष पर तंज कसा था कि नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्षी सदस्यों के लिए ‘रिफ्रेशर’ कोर्स करवाया जाना चाहिए. 24 घंटे के भीतर ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पलटवार का मौका मिल गया. दरअसल, 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो 5 मिनट बाद ही केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम पुकारा गया लेकिन वह सदन में आए ही नहीं थे.
दाएं-बाएं देखते रहे हरिवंश
नाम पुकारने के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश इधर-उधर देखते रहे. उन्होंने कई बार माननीय मंत्री जी कहा लेकिन सदन में मंत्री मौजूद ही नहीं थे. इस पर खरगे खड़े हो गए. उन्होंने जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दलों को प्रशिक्षण की नसीहत देने वाले नेता सदन को ही इसकी जरूरत है. उनके ही सदस्य और मंत्री समय पर सदन में नहीं आते हैं.
सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवा रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान की परिषद के लिए निर्वाचन का प्रस्ताव पेश करने के लिए केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का नाम पुकारा, लेकिन वह सदन में उपस्थित नहीं थे.
खरगे बोले, शर्म की बात
विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि मंत्री की अनुपस्थिति ‘शर्म की बात’ है. खरगे ने कहा कि नेता सदन जे पी नड्डा ने सोमवार को नसीहत दी थी कि नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के सदस्यों को सदन के नियमों का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘मैं पूछता हूं आपको. आप क्यों ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) नहीं लेते? आपके लोग समय पर नहीं आते... मंत्री गण भी नहीं आते... ये शर्म की बात है.’ (वीडियो देखिए)
विपक्ष दलों ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और लोकसभा सीटों के परिसीमन के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में हंगामा किया था और आसन की ओर से इन मुद्दों पर कार्यस्थगन नियम के तहत चर्चा कराए जाने की मांग खारिज किए जाने के बाद उच्च सदन से वॉकआउट किया था. नड्डा ने विपक्षी सदस्यों के इस व्यवहार की निंदा की थी और आसन से आग्रह किया कि वह नेता प्रतिपक्ष सहित सभी सदस्यों को ‘रिफ्रेशर’ कोर्स करवाएं.
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उन्होंने कहा था, ‘हम चर्चा के लिए तैयार हैं. इसमें अल्पकालिक चर्चाओं का प्रावधान है और दीर्घावधिक चर्चाओं का भी प्रावधान है. वे (विपक्ष) नियमों को नहीं पढ़ते हैं.’ उन्होंने विपक्षी सांसदों से कहा कि वे पहले नियमों को पढ़ें और बहस करना सीखें. उन्होंने कहा, ‘यह विपक्ष का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है... एक तरह से यह संसद और लोकतंत्र को बदनाम करने का प्रयास है.’ नेता सदन ने कहा, ‘उन्हें (विपक्षी सांसदों) रिफ्रेशर कोर्स करना चाहिए. उन्हें (सदन के) नियम-कायदों को समझना चाहिए. सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.’