'ये सिर्फ मेरी उड़ान नहीं...' धरती का चक्कर लगाते हुए शुभांशु शुक्ला का आसमान से पहला संदेश
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'ये सिर्फ मेरी उड़ान नहीं...' धरती का चक्कर लगाते हुए शुभांशु शुक्ला का आसमान से पहला संदेश

Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के जरिये अंतरिक्ष की ओर रवाना हो गए हैं. उन्होंने उड़ान भरते ही अपना संदेश भी देशवासियों को भेजा है. 

 

Shubhanshu Shukla, Axiom-4 Launch
Shubhanshu Shukla, Axiom-4 Launch

Shubhanshu Shukla First Message from space: अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना होते ही भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने दिल छू लेने वाला संदेश जारी किया है. शुभांशु ने कहा, ये कमाल की राइड थी. हम 41 साल बाद दोबारा अंतरिक्ष में लौटे हैं. हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से धरती के चारों ओर घूम रहे हैं. मेरे कंधे पर तिरंगा है. ये अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए सिर्फ मेरी उड़ान नहीं है, बल्कि मैं 140 करोड़ देशवासियों के सपने लेकर जा रहा हूं. मैं चाहता हूं कि आप सभी इस यात्रा में मेरे साथ रहें. चलिए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं. ये हमारे सारे देशवासियों के लिए गर्व से सीना चौड़ा करने का वक्त है. जय हिन्द, जय भारत!

लखनऊ के निवासी शुभांशु शुक्ला एयरफोर्स में ग्रुप कैप्टन पद पर हैं और उन्होंने एक साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद अंतरिक्षयात्रा के लिए खुद को तैयार किया. उनके साथ हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्षयात्री भी हैं. शुभांशु शुक्ला 14 दिन के स्पेस मिशन के दौरान कई अहम शोध कार्य करेंगे. उनके गले में एक ग्लूकोज मीटर है, जो अंतरिक्ष में बदलती गुरुत्वाकर्षण शक्ति के दौरान शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल पर नजर रखेगी. शुक्ला अपने साथ बैंगन-टमाटर के बीज भी ले गए हैं और वहां इन पौधों को लेकर देखा जाएगा कि वो कैसे बड़े होते हैं. एस्ट्रोनॉट एक बैक्टीरिया को भी साथ ले गए हैं, जहां देखा जाएगा कि अंतरिक्ष में उसके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है. ये पृथ्वी के बाहर दूसरे ग्रह में जीवन की संभावनाओं के लिए बेहद अहम होगा.

शुभांशु शुक्ला जब अंतरिक्ष मिशन के लिए रवाना हो रहे थे, तब यूपी की राजधानी लखनऊ में उनके परिवार और करोड़ों देशवासियों के लिए गौरव और भावुक क्षण था. लखनऊ के जिस सिटी मांटेसरी स्कूल से शुक्ला ने पढ़ाई की थी, वहां एक भव्य कार्यक्रम रखा गया था. शुभांशु की मां आशा और पिता शंभू दयाल शुक्ला बेटे के स्पेस मिशन को लाइव रवाना होते देख भावुक हो गए. उनकी मां अपने आंसुओं को छिपाने की नाकाम कोशिश करते दिखीं. इस दौरान वहां मौजूद सैकड़ों लोग इस दृश्य को कैमरे में कैद करते रहे.

शुभांशु शुक्ला और अन्य एस्ट्रोनॉट्स को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ने में 28 घंटे का वक्त लगेगा, क्योंकि स्पेस स्टेशन भी पृथ्वी के चारों ओर घूम रहा है. इससे अंतरिक्षयान को स्पेस स्टेशन से डॉकिंग के लिए उसी कक्षा और रफ्तार में आना होगा. शुभांशु शुक्ला अगले 24 घंटे में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के अद्भुत क्षण के भी गवाह बनेंगे. 

Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission Live: शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, आसमान को चीरता रॉकेट अंतरिक्ष स्टेशन की ओर रवाना

Video: कमाल की राइड थी, मेरे कंधों पर तिरंगा है...आसमान पहुंचते ही Shubhanshu Shukla का भारत को संदेश, मैसेज सुन गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना

 

 

 

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