पीरियड के कारण स्टूडेंट को किया क्लास से बाहर, मजबूरन सीढ़ियों पर देनी पड़ी परीक्षा, तमिलनाडु में मानवता शर्मसार
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पीरियड के कारण स्टूडेंट को किया क्लास से बाहर, मजबूरन सीढ़ियों पर देनी पड़ी परीक्षा, तमिलनाडु में मानवता शर्मसार

Tamil Nadu News: तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक दलित छात्रा को पीरियड आने के बाद क्लास से बाहर बैठकर परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया. 

 पीरियड के कारण स्टूडेंट को किया क्लास से बाहर, मजबूरन सीढ़ियों पर देनी पड़ी परीक्षा, तमिलनाडु में मानवता शर्मसार

Tamil Nadu News: तमिलनाडु के कोयंबटूर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. यहां के एक निजी स्कूल में क्लास 8 की एक स्टूडेंट को पीरियड की वजह से क्लास बाहर परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि लड़की दलित है. एक वीडियो भी आया था जिसमें लड़की से सीढ़ियों पर बैठने को कहा गया था. वीडियो आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. जानिए पूरा मामला. 

आया था पीरियड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि लड़की को पहली बार पीरियड आया था. जिसके बाद उसने बाहर बैठकर परीक्षा दी. स्कूल प्रबंधन के इस बर्ताव के बाद उसने आकर ये जानकारी अपनी मां को दी. जब उसकी अगली परीक्षा थी तो मां स्कूल पहुंची तो उन्होंने देखा कि उसकी बेटी सीढ़ियों पर बैठकर परीक्षा दे रही है. उसने वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया. मामला स्वामी चिद्भवानंद मैट्रिक हायर सेकेंडरी स्कूल, सेंगुट्टईपलायम का है. 

स्कूल प्रबंधन का दावा
वहीं मामले को लेकर स्कूल ने दावा किया है कि लड़की की मां चाहती थी कि लड़की को परीक्षा के दौरान बाहर बैठाया जाए. वीडियो ने आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके बाद तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग ने आधिकारिक जांच शुरू कर दी और स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया
इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया है कि बच्चों के खिलाफ किसी भी तरह के उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मंत्री अंबिल महेश की पोस्ट में लिखा कि निजी स्कूल के खिलाफ विभागीय जांच की गई. स्कूल प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.  बच्चों पर किसी भी तरह का अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. प्रिय छात्र, अकेले मत बैठो! हम यहां हैं। हम यहां रहेंगे.  वहीं डीएमके प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने कहा कि तमिलनाडु वर्जनाओं और प्रतिगामी प्रथाओं को खत्म करने में सबसे आगे है. उन्होंने कहा, "कोयंबटूर की घटना एक अपवाद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है," उन्होंने रेखांकित किया कि मंत्री की त्वरित प्रतिक्रिया इस बात का उदाहरण है कि राज्य महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है. 

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